जान हथेली पर रख रोज नदी पार करना मजबूरी
जागरण संवाददाता बागेश्वर पुड़कुनी गांव के ग्रामीण रोज जान पर खेलकर नदी पार कर रहे ह
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : पुड़कुनी गांव के ग्रामीण रोज जान पर खेलकर नदी पार कर रहे हैं। मरीजों को सड़क तक ले जाने में उन्हें सबसे अधिक परेशानी हो रही है। दो साल पूर्व हुई बरसात में नदी में बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था जिसकी अभी तक मरम्मत नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने अब आर-पार की जंग का एलान कर दिया है।
पुड़कुनी गांव में 80 परिवार निवास करते हैं। दो साल पूर्व दतगाड़ नदी का पुल टूट गया था, लेकिन अभी तक पुल की मरम्मत तक नहीं हो सकी है। इसके अलावा लोगों को आने जाने के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं है। लोगों ने नदी के ऊपर लकड़ी के डंडे बिछाकर पुल बनाया है, जो बड़े हादसे को दावत दे रहा है। बुधवार को ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी से मिला। उन्होंने कहा कि पुल टूटने से गांव का संपर्क पूरी तरह टूटा हुआ है। गांव से मुख्य मार्ग डेढ़ किमी दूरी पर है। गर्भवती महिला और बीमारों को डोली में रखकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि पुल का निर्माण जल्द नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव के बाद आंदोलन को बाध्य होंगे। इस मौके पर कंचन सिंह महरा, प्रकाश वाच्छमी, कुंदन वाच्छमी, प्रवीण मेहरा, सुंदर सिंह, मादो सिंह, पुष्कर सिंह मेहरा आदि मौजूद थे।