खेल मैदान निर्माण में देरी की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश
जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने पुरड़ा में बनाए जाने वाले खेल मैदान में धांधली की जांच के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने पुरड़ा में बनाए जाने वाले खेल मैदान का निर्माण लंबे समय से पूरा न होने के प्रकरण को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी है। वहीं, जिला पंचायत के एएमए को कारण बताओ नोटिस व जिला युवा कल्याण अधिकारी को सोकाज नोटिस जारी करते हुए उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिया है।
बीते 2016 में खेल मैदान बनाए जाने के लिए एक लाख 67 हजार 550 रुपये की धनराशि का आवंटन किया गया था। ठेकेदार को धनराशि मिलने के बाद भी खेल मैदान का पूर्ण निर्माण वर्तमान तक पूर्ण नहीं किया गया है। जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने संबंधित ठेकेदार को दी गई धनराशि व उस पर लगने वाले ब्याज का आंकलन कर पूरी धनराशि को राजकोष में जमा करवाने को कहा है। उन्होने अपर मुख्य अधिकारी पर भी गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। कहा कि उन्होंने ठेकेदार को महज नोटिस देकर अपने कर्तव्यों का इतिश्री कर दिया। उन्होंने कहा कि खेल मैदान के निर्माण में अनावश्यक देरी पर जिला पंचायत व युवा कल्याण अधिकारी दोनों को ही जिम्मेदार माना है। अनियमितता बरतने पर जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिए है कि अगर संपूर्ण धनराशि को 10 दिनों के भीतर संबंधित शासकीय खाते में जमा नहीं कराया गया तो उक्त धनराशि की वसूली उनके वेतन से की जाएगी। साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी।
खेल मैदान के लिए जिला युवा कल्याण विभाग ने जिला पंचायत विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया था। जिला युवा कल्याण अधिकारी ने खेल मैदान हेतु आवंटित धनराशि को कार्यदायी संस्था को सौंप कर उसकी किसी भी तरह से मॉनिटरिग नहीं की, जो कि उनके शासकीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही का द्योतक है। अत: उनके विरुद्ध भी सोकाज नोटिस जारी करते हुए विभागीय सचिव को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।