अवैध खनन से सरयू-गोमती नदी को खतरा
जागरण संवाददाता बागेश्वर नदियों पर एक बार फिर से भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा है। अवैध र
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: नदियों पर एक बार फिर से भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा है। अवैध रेता-बजरी से नदियों के छोर छलनी कर दिए गए हैं। इससे स्थानीय लोगों में भारी रोष है। उन्होंने जिला प्रशासन से अवैध खनन कारोबार पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। बागेश्वर नगर सरयू और गोमती के तट पर बसा हुआ है। सरयू और गोमती नदियों का पर्यावरणीय ही नहीं बल्कि धाíमक महत्व भी है। इसके बावजूद नदी में धड़ल्ले से खनन चल रहा है। इन नदियों से सुबह से ही रेता निकालने का काम शुरू हो जाता है। नदी से मनमर्जी से रेत खोदने और पत्थर निकालने के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। सरयू और गोमती नदी बरसात में उफान पर रहती हैं। नदियों के कारण बरसात में जबरदस्त भू-कटाव होता है।नदियों से सुरक्षा के लिए कई आबादी वाले स्थानों में तट बंध या सुरक्षा दीवारें नहीं बनाई गई हैं। ऐसे में यदि इसी तरह से अवैध खनन चलता रहा तो भविष्य में भू-कटाव का और अधिक गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। नदी में खनन पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन की ओर से पूर्व में छापामारी अभियान चलाया गया था लेकिन वर्तमान में कार्रवाई नहीं होने से धड़ल्ले से खनन हो रहा है। ग्रामीण रोहित पंत, कमल सिंह, बृजेश तिवारी, शंकर दानू, भुवन साह आदि ने बताया कि सरकार ने खनन बंद किया है। उसके बावजूद भी नदियां छलनी हो रही हैं। सरयू और गोमती नदियों से धड़ल्ले से खनन हो रहा है। अवैध खनन के कारण जहां एक ओर भू-कटाव का खतरा बना हुआ है। इधर, एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी ने कहा कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ छापेमारी की है। गत दिनों सैज से रेता-बजरी जब्त भी की गई है।