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गोशाला से लगी आग में जलकर खाक हुआ मकान

संवाद सूत्र कपकोट दिवाली का त्योहार लीली गांव की जमुना देवी के लिए भयावह साबित हुआ। उनक

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 08:11 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 08:11 PM (IST)
गोशाला से लगी आग में जलकर खाक हुआ मकान
गोशाला से लगी आग में जलकर खाक हुआ मकान

संवाद सूत्र, कपकोट: दिवाली का त्योहार लीली गांव की जमुना देवी के लिए भयावह साबित हुआ। उनकी गोशाला से लगी आग की चपेट में आने से पूरा मकान जलकर खाक हो गया। दो बकरियां और एक पालतू कुत्ता भी आग की भेंट चढ़ गए। दुधारू भैंस भी 80 प्रतिशत से अधिक जल गई है। ग्रामीणों ने महिला व उसके परिवार को पड़ोस के घर में ठहरा दिया है। उन्होंने प्रशासन से महिला को आíथक मदद देने की मांग की।

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56 साल की जमुना देवी अपने 17 साल व 11 साल के बेटों के साथ लीली गांव में रहती हैं। उनके पति डुंगर राम का पूर्व में ही देहांत हो गया। वह किसी तरह भैंस का दूध बेचकर अपना व बच्चों का भरण पोषण करती हैं। उन्होंने अपने मवेशियों को मच्छर व मक्खियों से बचाने के लिए आंगन में धुंआ लगाया था। अचानक वहां से भड़की आग गोशाला तक पहुंच गई। जिस समय आग लगी, दोनों बच्चे स्कूल गए थे। महिला जंगल में घास काटने गई थी। गोशाला से लगी आग फैलती गई और पूरे मकान को अपनी चपेट में ले लिया। आग से गोशाला के भीतर बंधी भैंस काफी जल गई। वहां बंधी दो बकरियों की आग से मौत हो गई। भीतर के कमरे में बंधा कुत्ता भी आग की भेंट चढ़ गया। नव निर्वाचित ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह गढि़या ने बताया कि महिला बेहद गरीब है। वह किसी तरह से दूध बेचकर व मजदूरी कर अपने परिवार को भरण पोषण कर रही थी। आग लगने से उसकी छत और रोजी रोटी का जरिया दोनों छिन गए हैं। ग्रामीण प्रकाश कपकोटी, देवेंद्र गढि़या आदि ने प्रशासन से महिला को तत्काल आíथक मदद और नुकसान का उचित मुआवजा देने की मांग की। इधर आग लगने के बाद राजस्व उपनिरीक्षक ने नुकसान का जायजा लिया।


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