बागेश्वर में फिर आफत की बारिश, मकान-स्कूल मलबे में दफन, फसलें भी बर्बाद, जान बचाने को खत्तों में छिपे ग्रामीण
बागेश्वर फिर अतिवृष्टि की चपेट में आ गया है। बीते रोज कपकोट में भीषण बारिश के बाद अब बैसानी के पौसारी गांव में भारी बारिश हुई है। इससे कई घर तबाह हो गए। लोग जान बचाने को खत्तों में जाकर छिप गए।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : बागेश्वर में मौसम रह रहकर आफत बरसा रहा है। बीते रोज कपकोट में अतिवृष्टि से आई आपदा के बाद अब बैसानी के पौसारी गांव में अतिवृष्टि हुई है। इससे यहां भारी क्षति हुई है। मकान, गोशाला, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, पेयजल योजनाएं और फसलें बर्बाद हो गई हैं। गांव के लोगों ने खत्तों में जाकर रात बिताई, जिससे उनकी जान बच गई।
आधी रात के बाद बरसा आफत
रविवार की रात लगभग साढ़े 12 बजे पौसारी गांव में भयंकर बारिश हुई। आकाशीय बिजली गिरने के साथ ही बारिश से समूचा गांव तरबतर हो गया। मलबा, बोल्डर, पानी और पेड़ जड़ से उखड़कर गांव की तरफ बहने लगे, जिससे वहां हाहाकार मच गया। ग्रामीणों ने घर छोड़ दिए और वह जान बचाने के लिए खातों यानी जहां मवेशियों को रखा जाता है, वहां चले गए। भयभीत होकर रात बिताई और संचार सेवा नहीं होने से घटना की जानकारी प्रशासन तक नहीं पहुंचा सके।
प्रशासन को सुबह मिली जानकारी
सुबह तक तहसील प्रशासन तक अतिवृष्टि की सूचना पहुंची। तहसीलदार पूजा शर्मा गांव पहुंची। उन्होंने बताया कि गांव में भारी नुकसान हुआ है। फसलें नष्ट हो गई हैं। केले का बगीचा बह गया है। घर, आंगन खेत खलिहान मलबे से पट गए हैं। गांव को जोड़ने वाली सड़क भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। विद्यालय का बाथरूम, कंप्यूटर कक्ष आदि भी ध्वस्त हो गया है। कई मकानों में दरारें पड़ गई हैं। गांव के लाल सिंह भाकुनी, केदार सिंह, देव राम, गणेश राम, पनी राम ने कहा कि वह भयभीत हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। तहसील प्रशासन ने मौका मुआयना कर लिया है। लेकिन अभी तक राहत किसी की तरफ से नहीं मिल सकी है। मलबे में उनका सामान आदि दब गया है। तन पर कपड़े ही बचे हुए हैं।
इन गांवों में भी व्यापक नुकसान
कपकोट, ऐठाण, रिखाड़ी, बमसेरा जोड़ने वाले दो पुल खतरे की जद में आ गए हैं। कुजगेड़ी गधेरे ने तबाही मचाई है। मल्ला बमसेरा तल्ला बमसेरा ऐठाण झाझरबुड्ढी तक गधेरे ने लगभग 10 हेक्टेयर भूमि बह गई है।दीपक सिंह ऐठानी, चंचल सिंह ऐठानी, दयाल सिंह, हीरा सिंह, विनोद ऐठानी, भगवत सिंह, जानकी ऐठानी, महेश सिंह, चंचल गढ़िया, दरपान सिंह ऐठानी, भूपाल सिंह, शेर सिंह ऐठानी, मोहन राम, शेर राम, हरीश राम के खेतों और मकानों को खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मौका मुआयना कर लोगों की समस्या दूर करने की मांग की है।
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