चाय बागानों में छाई हरियाली, श्रमिक मायूस
कत्यूर घाटी के चाय के बागानों में ने पत्तियां आने से वह हरे भेर हैं लेकिन फिर भी श्रमिक मायूस हैं।
संवाद सूत्र, गरुड़: कत्यूर घाटी के चाय के बागानों में ने पत्तियां आने व कलियां फूटने से हरियाली छाई हुई है। लेकिन फैक्ट्री बंद होने से चाय बागान के श्रमिक मायूस हैं।
श्रमिक संघ के वरिष्ठ सदस्य दिनेश लोहनी ने कहा है कि कत्यूर घाटी के कौसानी, सेणु, सीमा, भेटा, मुझारचौरा, लोहारी, दुदिला, हरिनगरी, छटीया आदि स्थानों में स्थित चाय के बागानों में नई पत्तियां आने व कलियां फूटने से हरियाली छाई हुई है। साथ ही इस बार पत्तियों का रिकार्ड तोड़ उतपादन हुआ है। उन्होंने पत्तियां तोड़ने के लिए अनुमति देने की मांग की है। कौसानी की बंद पड़ी चाय फैक्ट्री को पुरानी सब्सिडी पर स्थानीय काश्तकार भी चला सकते हैं। श्रमिक गिरीश लोहनी, दीपक पंत, प्रेम राम, भागुली देवी, दीपा लोहनी, दीपा पंत, प्रेमा पंत आदि ने कहा कि श्रमिक लंबे समय से बेरोजगार हैं।जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। श्रमिकों ने डीएम से बंद पड़ी फैक्ट्री को खोलने के लिए शासन से ठोस पहल करने की भी मांग की है।