गोलू की गाड़ी कराती बहनों को मुफ्त सवारी
भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन के आगमन पर व्यावसाय से जुड़े लोगों को प्रतीक्षा रहती है।
गोलू की गाड़ी कराती बहनों को मुफ्त सवारी
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन के आगमन पर व्यावसाय से जुड़े लोगों को प्रतीक्षा रहती है। लेकिन बागेश्वर के कपकोट क्षेत्र में एक शख्स ऐसे भी हैं, जो उल्लास के इस पर्व को कमाई के नजरिये से नहीं देखते। जी हां, गोलू भाई बीते 16 वर्षों से 250 किमी लंबे कपकोट-धरमघर रूट पर अपनी ट्रैवलर गाड़ी में बहनों को निश्शुल्क यात्रा कराते हैं। इस वर्ष उनकी गाड़ी में ऐसी 300 महिलाओं ने यात्रा की।
पुंगरघाटी के गोलू उर्फ नैना भाई रक्षाबंधन पर्व पर अपनी गाड़ी में बैठने वाली बहनों से वर्ष 2007 से किराया नहीं लेते हैं। वाहन संख्या यूके02-सीए-0446 का बहनों बागेश्वर टैक्सी स्टैंड पर इंतजार रहा। वाहन आते ही बहनें बेहिचक उसमें सवार हो गई। बहन नीमा, रेखा, सरस्वती, पार्वती, मीना, मंजू, चंपा, गीता, सरिता, पूजा आदि ने बताया कि वह पिछले कई सात वर्ष से गोलू भाई को राखी बांध रही हैं और उनकी गाड़ी में निश्शुल्क यात्रा कर रही हैं। बागेश्वर से कोटमन्या तक का किराया 450 रुपये है।
एक बहन से मिली प्ररेणा
15 वर्ष पहले गाड़ी खरीदकर लाए गोलू उर्फ नैना भाई रक्षाबंधन पर बहनों को उनके भाइयों के घरों की तरफ ले जा रहे थे। वाहन में बैठी एक बहन जिनका नाम शोभा था, उसके पास सिर्फ 10 रुपये ही थे और वह भाई से मिलने को आतुर थी। किराया पूरा नहीं होने से वह निराश थी। शोभा से उन्हें प्ररेणा मिली और तब गाड़ी में बैठी 15 बहनों से उन्होंने किराया नहीं लिया। तब से यह क्रम जारी है।
नौ हजार रुपये का लगा ईंधन
चालक नैना ने बताया कि करीब 250 किमी की यात्रा में उनका नौ हजार रुपये का ईंधन लगा। बागेश्वर से सुबह साढ़े सात बजे वाहन रवाना हुआ। आरे, बालीघाट, चौरा, दोफाड़, बनलेख, उद्यमस्थल, रीमा, पचार, धरमघर, कोटमन्या आदि स्थानों से उनका वाहन गुजरा और बहनों को बैठकर मुफ्त यात्रा कराई। इसमें उनके करीब दस हजार रुपये खर्च हुए।
नैना भाई का बहनों की प्रति यह प्यार उनके आदर्श और संस्कारित होने का परिचय देता है। यह सीख अन्य चालकों को भी लेनी होगी और देवभूमि का नाम आगे बढ़ाना होगा।
- सुरेश गढ़िया, विधायक, कपकोट