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वनों में आग लगाने वाले भेजे जाएंगे जेल

घनश्याम जोशी बागेश्वर वनों को आग लगाना इस साल भारी पड़ सकता है। वन विभाग ने आग लगाते पकड

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 11:58 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 11:58 PM (IST)
वनों में आग लगाने वाले भेजे जाएंगे जेल

घनश्याम जोशी, बागेश्वर: वनों को आग लगाना इस साल भारी पड़ सकता है। वन विभाग ने आग लगाते पकड़े जाने पर एफआइआर दर्ज कराने का निर्णय लिया है और संबंधित से दस हजार रुपये का जुर्माना अलग से वसूला जाएगा। 29 क्रू-सेंटरों में 180 कर्मचारी भी तैनात कर दिए हैं। जिले में 80 प्रतिशत जंगल चीड़ के हैं। अप्रैल माह से चीड़ का पिरुल गिरने लगता है। लोग अच्छी घास के लिए अपनी नाम भूमि में आग लगाते हैं। आग वन पंचायत से होकर आरक्षित वनों तक पहुंच जाती है। जिसे रोकने के लिए वन विभाग ने खासे इंतजाम कर लिए हैं। वनों को आग लगाने वालों के खिलाफ पहली बार एफआइआर दर्ज करने का निर्णय लिया है और दस हजार रुपये का जुर्माना भी तय किया है। -----------

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वनों की स्थिति -66,236 हेक्टेयर आरक्षित वन -38087 हेक्टेयर वन पंचायत -2,112 हेक्टेयर सिविल भूमि -कुल वन क्षेत्र 1,6,0400 हेक्टेयर -----------

दस साल का आंकड़ा 2009-92 घटना, 125.96 हेक्टेयर वन जले 2010-62 घटना, 103.03 हेक्टेयर वन जले 2011-कोई घटना नहीं हुई 2012-54 घटना, 113.6 हेक्टेयर वन जले 2013-08 घटना, 70 हेक्टेयर वन जले 2014-29 घटना, 84.3 हेक्टेयर वन जले 2015-06 घटना, 7.95 हेक्टेयर वन जले 2016-55 घटना, 220.10 हेक्टेयर वन जले 2017-44 घटना, 88.30 हेक्टेयर वन जले 2018-130 घटना, 297.25 हेक्टेयर वन जले

------------ कैसे लगती है वनों को आग -अच्छी घास उत्पादन के लिए लोग लगाते हैं आग -शादियों पटाखे और छिलके जलते हैं -राहगीर जलती बीड़ी-सिगरेट आदि फेंकते हैं

-लीसा कूप में रंजिशन आग लगाना ------------- वनों को बचाने को क्या करें -घास लगाते समय कंट्रोल बर्निग जरूरी -शादी आदि में पटाखें आदि पर रोक -आपसी रंजिश वनों पर नहीं उतारें -चरवाहों को भी सावधान रहने की जरूरत

======== आग लगाते हुए पकड़े जाने पर सीधे एफआइआर का निर्णय लिया गया है। दस हजार रुपये तक जुर्माना भी लगाया जाएगा। वन विभाग पूरी तरह तैयार है। कुछ कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर हैं, लेकिन मैन पावर की कोई कमी नहीं है। -बीएस शाही, डीएफओ, बागेश्वर। ========= अभी तक किसी के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई जंगलों को आग लगाने वाले अभी तक कोई नहीं पकड़े गए और किसी प्रकार की कार्रवाई भी नहीं हुई है। पिछले दस सालों में जहां जंगल जले वहीं पर्यावरण को भी खतरा हुआ, लेकिन इस बार प्रभागीय वनाधिकारी ने आग लगाने वालों पर कड़ी नजर रखने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश कर्मचारियों को दिए हैं।


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