तारबाड़ में फंस कर मादा गुलदार की मौत
बागेश्वर में ताराबाड़ में फंसने से एक गुलदार की मौत हो गई है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: ताराबाड़ में फंसने से एक गुलदार की मौत हो गई है। ट्रैकूलाइज करने से पहले वह घायल था। पशु विभाग की टीम ने उसका पोस्टमार्टम कर रिपोर्ट वन विभाग को सौंप दी है। महकमे ने गुलदार को जला दिया है। वह मादा था और उसकी उम्र करीब डेढ़ साल थी।
तहसील के छौना गांव में एक गुलदार झाड़ियों में लगी तारबाड़ में फंस गया। वन विभाग की टीम गांव पहुंची और घायल गुलदार को रेस्क्यू करने की कोशिश की गई। वह पहाड़ के नीचे खड़ी ढलान में फंस गया और कर्मचारियों ने उसे भारी मशक्कत के बाद निकाला। रेंज कार्यालय में डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित किया। शुक्रवार की देर शाम छौना गांव के एक गधेरे के समीप एक गुलदार के होने की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। उन्होंने बताया कि गुलदार झाड़ियों में फंसा है। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने डीएफओ को इसकी जानकारी दी और टीम मौके की ओर रवाना हो गई। गुलदार पहाड़ी पर झाड़ियों के बीच बुरी तरह से फंसा हुआ था। जिसे बाहर निकालने के लिए ट्रैकूलाइज टीम को बुलाया गया। डॉ. हिमांशु पाठक के नेतृत्व में गुलदार को ट्रैकूलाइज करने प्रयास किया गया। ढलान होने से इसमें काफी दिक्कत पेश आई। आरओ एमएस नयाल ने बताया कि ग्रामीणों ने नाप खेतों की फसल को बचाने के लिए तारबाड़ की थी। जिसमें गुलदार फंसा हुआ था और वह अचेत अवस्था में था। जिसे रेस्क्यू कर टीम ने बाहर निकाला और पिजड़े में रखा। रेस्क्यू के बाद उसे नहीं बचाया जा सका। मृत गुलदार एक डेढ़ साल की मादा थी। शनिवार को डॉ.हिमांशु और कमल तिवारी की टीम ने उसका रेंज कार्यालय में पोस्टमार्टम किया। उसके बाद शव को जला दिया है। इधर, डीएफओ एमएस झां ने बताया कि घटना की सभी कोणों से जांच की जा रही है।