बागेश्वर में पेयजल योजनाएं ध्वस्त , बूंद-बूंद को तरसे लोग
बागेश्वर नगर से लेकर गांव तक पेयजल संकट गहरा गया है। कई पेयजल योजनाएं भूस्खलन से टूट गई हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : नगर से लेकर गांव तक पेयजल संकट गहरा गया है। आइवेल, जखेड़ा समेत पंपिग योजनाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। लोग प्राकृतिक स्त्रोतों से पानी ढो रहे हैैं। जल संस्थान की कार्यशैली के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। पिछले दिनों लगातार बारिश के बाद दो दिनों से जखेड़ा और अमसरकोट पेयजल योजना के पाइप क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कठायतबाड़ा पंपिग योजना से पानी पंप नहीं हो पा रहा है। आइवेल भी तीन दिनों से काम नहीं कर रहा है। खरेही पंपिग योजना भी ठप हो गई है। ठाकुरद्वारा, कैलखुरिया, नदीगांव, घटबगड़, मैन बाजार, नुमाइशखेत, चौरासी, सैंज, तहसील रोड के अलावा गरुड़ के मन्यूड़ा, गागरीगोल, सीर, पेटलाकोट, क्षेत्रपाल, खरेही क्षेत्र के 30 से अधिक गांवों में पेयजल की आपूíत पूरी तरह ठप हो गई है। व्यापारी बबलू जोशी, नवीन रावल, उमेश टाकुली, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष धीरज कोरंगा, रमेश लाल साह, राजेंद्र उपाध्याय, हरीश मनराल आदि ने कहा कि बगैर पानी के बिल जमा नहीं करेंगे। आपूíत जल्द सुचारु नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। ----------------
आइवेल का पंप बदला जा रहा है। जखेड़ा पेयजल योजना के पाइपों में वेल्डिग हो रही है। कठायतबाड़ा पंपिग योजना को पंप करने की कोशिश की जा रही है। नदी का पानी अधिक गंदा होने से दिक्कत है। ग्रामीण क्षेत्रों में कपकोट, गरुड़, अमस्यारी आदि योजनाओं की मरम्मत शुरू कर दी गई है। शामा पेयजल योजना को भारी नुकसान हुआ है। गुरुवार सुबह तक पानी की आपूíत सुचारु होने की उम्मीद है। -एमके टम्टा, ईई, जलसंस्थान, बागेश्वर