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गरुड़ के दिनेश ने बांज के पौधे रोप कर पानी से भरा गतनी खाल

बागेश्श्वर में गरुड़ तहसील के सीमा गांव निवासी दिनेश लोहनी पर्यावरण के सजग प्रहरी हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:19 AM (IST)
गरुड़ के दिनेश ने बांज के पौधे रोप कर पानी से भरा गतनी खाल

चंद्रशेखर बड़सीला, गरुड़: तहसील के सीमा गांव निवासी दिनेश लोहनी पर्यावरण के सजग प्रहरी हैं। मेहनत मजदूरी करने के बाद पौधों की देखभाल करना नहीं भूलते। अपनी मजदूरी से प्राप्त आय का एक हिस्सा पेड़-पौधों के संरक्षण के लिए रखते हैं। उनका दावा है कि वर्ष 1992 से अब तक 90 हजार पौधे लगा चुके हैं।

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दिनेश के अनुसार वर्ष 1992 में वह अपने गांव के नजदीक गतनी खाल नामक पानी के स्त्रोत पर गए तो उसमें पानी नहीं दिखा। बुजुगों ने बताया कि आसपास पेड़ों की कमी के चलते पानी सूख रहा है। ऐसे में दिनेश ने पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के लिए काम कर स्रोत को फिर से पानी से लबालब कर डालने का संकल्प ले डाला। वन विभाग से बांज के 12 पौधे लेकर रोपे। नियमित देखभाल की बदौलत कुछ ही साल में खाल फिर भर गया।

अब लोहनी हर साल जल संरक्षित करने वाले बांज के पौध तैयार करते हैं। विद्यालयों, कार्यालयों में पौधे देकर पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक भी करते हैं। जाड़ों में पौधों को पाले से बचाने के लिए बेकार पड़े खाली कनस्तरों का प्रयोग करते हैं। उनका मानना है कि विभाग पौधों का रोपण करके उनके संरक्षण की ओर ध्यान नहीं देता है। पौधे लगाने के बाद असल काम उसकी देखभाल का है।

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पांच पीढि़यों से कर रहे पौधरोपण

वृक्षप्रेमी के नाम से विख्यात दिनेश लोहनी बताते हैं कि उनका परिवार पांच पीढि़यों से पौधरोपण करते आ रहा है। परिवार के गंगा दत्त, बची राम, प्रेमबल्लभ, चंद्र दत्त भी काफी पौधरोपण करते थे। अब नई पीढ़ी में दिनेश लोहनी पौध रोपकर जलस्रोतों को भरने का काम कर रहे हैं

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वृक्षप्रेमी दिनेश लोहनी वर्षों से पौधरोपण करते आ रहे हैं। हजारों पौधे लगा चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन में उनका अहम योगदान है। जंगल विकसित करने को लेकर उनमें गजब का जुनून है।

-हरीश सिंह खर्कवाल, वन क्षेत्राधिकारी, गड़खेत- बैजनाथ

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