मणिपुरी बांज से लहलहाएगा दानपुर
रेशम विभाग ने फरसाली पल्ली मल्लादेश गुलेर तिमलबगड व सभी जनजाति गांव में मणिपुरी बांस के पौध रोपे गए।
संवाद सूत्र, कपकोट : रेशम विभाग ने फरसाली पल्ली, मल्लादेश, गुलेर, तिमलबगड व सभी जनजाति गांव में मड़ीपुरी बाज के दस हजार से अधिक पौधे रोपे हैं। मौके पर काश्तकारों को मणिपुरी बांज के गुण भी बताए। कहा गया कि यह भू-कटाव को तो रोकता ही है, जलस्त्रोत भी रिचार्ज करेगा। रेशम विभाग ने प्रत्येक काश्तकार को अपनी नाप भूमि पर मणिपुरी बांज लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडी बांज की तुलना में यह तीन गुना अधिक बढ़ने वाला पौधा है। इसकी पत्ती मुलायम, चौड़ी होती है पौधा छोटा होकर भी ज्यादा पत्तियां देता है। पर्यावरण के लिए भी यह काफी अच्छा है। इससे भूमि का कटाव रुकेगा व जलस्त्रोत भी रीचार्ज होंगे। प्रत्येक लाभार्थी को 583 पौधे दिए गए। इससे पूर्व फरसाली पल्ली में पांच दिवसीय प्रशिक्षण में काश्तकारों को रेशम उत्पादन के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि रेशम उत्पादन बहुत लाभदायक है। स्वरोजगार तो मिलेगा ही वहीं आíथक रूप से भी सशक्त होंगे। इस अवसर पर संतोष जोशी, विनोद सिंह घुघतियाल, दीवान कपकोटी कैलाश सिंह मर्तोलिया, धन सिंह, मधु देवी, नारायण सिंह, करिश्मा देवी, चंद्रकला देवी, सुरेश सिंह, हितेंद्र सिंह, दयाल सिंह, नाथो सिंह, प्रेम सिंह, शेर सिंह, कविता देवी, दलजीत सिंह, धाम सिंह, भीम सिंह, नारायण सिंह, राजेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।