आतंक का पर्याय बना गुलदार पिंजरे में कैद
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : आतंक का पर्याय बना गुलदार गुरुवार की सुबह वन विभाग के ¨पजरे मे
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : आतंक का पर्याय बना गुलदार गुरुवार की सुबह वन विभाग के ¨पजरे में कैद हो गया है। वह करीब आठ साल का बताया जा रहा है। वन विभाग ने उसे अल्मोड़ा जू भेजने की तैयारी कर ली है। शासन से परमिशन मांगी है। वहीं ग्रामीण गांव में अभी भी तीन गुलदार होने की बात कर रहे हैं।
शहर से करीब डेढ़ किमी दूर द्यांगण गांव में गुलदार का आतंक छाया हुआ है। वह रोज गांव में मवेशियों को मार रहा था। गुरुवार की सुबह वन विभाग उसे ¨पजरे में कैद करने में कामयाब हो गया है। ग्रामीण गो¨वद कठायत के अनुसार अभी भी गांव में तीन गुलदार हैं। ¨पजरे में कैद गुलदार की उम्र वन विभाग ने करीब आठ साल आंकी है। वह नर गुलदार है और स्वस्थ्य है। डीएफओ आरके ¨सह ने बताया कि गुलदार को अल्मोड़ा जू भेजा जा सकता है। शासन से अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि जू में यह तेंदुआ सबसे अलग होगा। यह काफी मजबूत शरीर का है और बाघ जैसा ही दिख रहा है।
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नदीगांव में लगा ¨पजरा
नदीगांव में मासूम शर्मिला को गुलदार ने बीती रात निवाला बना लिया था। वन विभाग ने वहां भी ¨पजरा लगा दिया है। वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है। ग्रामीण अभी भी दहशत में हैं। उन्होंने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग की है।
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गुलदार को मार गिराने के लिए मांगी परमिशन
नदीगांव के गुलदार को मार गिराने की अनुमति वन विभाग ने शासन से मांगी है। डीएफओ ने बताया कि शासन को पत्र भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि यदि अनुमति मिल गई तो जल्द उसे कब्जे में लेने की कार्रवाई होगी।
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सलखन्यारी का गुलदार मारा जाएगा
वन विभाग ने सलखन्यारी गांव के आदमखोर को मार गिराने की योजना बना ली है। शिकारी लखपत ¨सह गांव पहुंच गए हैं। तीन से सात दिन के भीतर गुलदार को मारने का अनुमान लगाया जा रहा है। डीएफओ ने बताया कि एक महीने का समय उन्हें मिला हुआ है। समय घटते जा रहा है, अब गुलदार को मारने के अलावा और कुछ नहीं हो सकता है।
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पीड़ित परिवार को 50 हजार दिए
वन विभाग ने नदीगांव में गुलदार का शिकार हुई शर्मिला के परिजनों को 50 हजार रुपये दिए हैं। डीएफओ ने बताया कि पीड़ित परिवार को तीन लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।