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Mass Suicide: बंद घर में मिली चार लाशें, मुखिया का कुछ पता नहीं; हत्‍या या आत्महत्या... संशय में पुलिस

Bageshwar महिला और उसके तीन मासूम बच्चों के शव मिलने के बाद पुलिस गहन जांच में जुट गई है। अभी तक हत्या या फिर आत्महत्या को लेकर संशय बना हुआ है। घर के मुखिया भूपाल राम का अभी तक कुछ पता नहीं लग पाया है।

By ghanshyam joshiEdited By: Nirmala BohraSat, 18 Mar 2023 08:21 AM (IST)
Mass Suicide: बंद घर में मिली चार लाशें, मुखिया का कुछ पता नहीं; हत्‍या या आत्महत्या... संशय में पुलिस
Bageshwar: घिरौली जोशी गांव में महिला समेत उसके तीन बच्चों के शव पुलिस ने बरामद किए।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : Bageshwar News: घिरौली, जोशीगांव में हुई हृदय विदारक घटना ने सभी को रुला दिया है। महिला और उसके तीन मासूम बच्चों के शव मिलने के बाद पुलिस गहन जांच में जुट गई है। अभी तक हत्या या फिर आत्महत्या को लेकर संशय बना हुआ है। पुलिस ने भोजन के सैंपल आदि लिए।

बच्चों की किताबें, आधार कार्ड आदि कब्जे में लिया है। शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा, सीओ अंकित कंडारी भी घटना स्थल पहुंचे। पुलिस की टीम ने सभी कोणों से मकान के आसपास जांच आदि की। गुरुवार की देर शाम घिरौली जोशी गांव में महिला समेत उसके तीन बच्चों के शव पुलिस ने बरामद किए।

बुजुर्ग माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल

शवों से बदबू आ रही थी और कीड़े रेंग रहे थे। शवों को रात में ही मोर्चरी में रखा गया। गांव के लोगों को सूचना दी गई। ग्राम प्रधान भूपाल राम ग्रामीण और रिश्तेदारों के साथ जिला अस्पताल पहुंचे।

ग्राम प्रधान ने बताया कि कपकोट के भनार गांव निवासी 75 वर्षीय हर राम और 65 वर्षीय उदीमा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्हें घटना की जानकारी मिली तो वह बेहोश हो गए। अधिक उम्र होने से वह अपने मृतक बहू नंदी देवी, पोती अंजलि, पोता कृष्णा और भाष्कर से अंतिम मुलाकात भी नहीं कर सके।

गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। इधर, घटना स्थल पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने घटना की पहली सूचना देने वाले पलंबर राजेंद्र सिंह भाकुनी को पूछताछ के लिए बुलाया। उनसे जरूरी जानकारी ली।

मृतक मासूमों का पिता भूपाल राम सात तक ही पढ़ा हुआ है। वह बचपन से ही शरारती है। पिता के नाम पर गांव के लोगों से भी पैसा मांगता था। पहले लोगों ने उसे जमकर पैसे दिए। उसके पिता का गांव में सम्मान है। जब उसे गांव वालों ने पैसा देना बंद किया तो वह लगभग 20 वर्ष से गांव छोड़ कर चला गया था।

-भूपाल राम, ग्राम प्रधान भनार

भूपाल राम मेरे चाचा हैं। लेकिन उनके कारनामे अच्छे नहीं हैं। वह कभी-कभार गांव में आते हैं। लेकिन उनसे लोग मिलने से कतराते हैं। इसके अलावा उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। घटना के बाद गांव में शोक है। उनके बूढ़े माता-पिता रो रहे हैं।

- नरेंद्र राम, भतीजा

घटना की जानकारी रात को मिली। गांव की बिरादरी है और वह भी यहां चले आए। इस परिवार का गांव से कोई नाता नहीं था। किसी भी पूजा आदि में भी यह परिवार गांव में नहीं दिखता था। गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

- प्रदीप राम, ग्रामीण

जो हुआ वह ठीक नहीं हुआ है। उनके गांव में इस तरह की घटना पहली बार हुई है। लोग डरे और सहमे भी हैं। पुलिस को सभी कोणों से जांच करनी होगी। यदि हत्या की गई है तो यह शर्मनाक है। आरोपित को सजा मिलनी चाहिए।

-दीवान राम, ग्रामीण

मृतका का परिवार गरीब है। बच्चों के दादा भी मेहनत, मजदूरी करते हैं। खेती-पाती के अलावा ढोल, हुड़का आदि बनाते हैं। जिससे उनका परिवार चलता है। हालांकि एक भाई पीएसी में तैनात है। उसका परिवार रामनगर में ही रहता है।

-अमर राम, ग्रामीण

शुक्रवार को भूपाल राम घर आया था। उसके पिता ने एक ढोल बनाया था। उसे लेकर वह बेचने के लिए ले गया। कह रहा था कि दोफाड़, धरमघर की तरफ जा रहा हूं। वह उनके घर पर भी आया। उसके जाने के बाद घटना का पता चला और दौड़े बागेश्वर आए हैं।

-मोहन राम, चाचा

जोशीगांव के गोविंद बिष्ट के मकान यह परिवार पिछले डेढ़ वर्ष से रह रहा था। उनके साथ ग्रामीणों का बोलचाल कम था। छलड़ी के दिन उसका सबसे बड़ा बेटा दिखा था। कभी हम भी उनसे पूछ लेते थे। उनका रास्ता भी अलग था। घटना के बाद सभी डरे हुए हैं। हमारे घर से वह मकान लगभग 100 मीटर दूरी पर है। हमें पुलिस का नंबर दे दो।

-देवकी देवी, जोशीगांव

मैं साढ़े तीन बजे घटना वाले घर से गुजर रहा था। पानी की लाइन ठीक करनी थी। घर से बदबू आ रही थी। खिड़की पर म​क्खियां भिनभिना रही थी। मुझे शक हुआ और मकान मालिका को फोन किया। उसने बताया कि किरायेदार होली पर गांव गए होंगे। उसके बाद लगभग साढ़े सात बजे पुलिस आई।

- राजेंद्र सिंह भाकुनी, पलंबर