जागरण संवाददाता, बागेश्वर : Bageshwar News: भनार गांव के भूपाल राम जोशीगांव में परिवार के साथ किराये के घर में रह रहा था। लेकिन उसकी माली हालत उसका घर बयां कर रहा था। घटना के बाद उसके घर जाने पर उसकी कलई खुल गई।

शायद रोटी के लिए मोहताज था भरापूरा परिवार

स्वयं सूट-बूट में रहने वाला भूपाल का भरापूरा परिवार शायद रोटी के लिए मोहताज था। अलबत्ता पुलिस इस एंगल से भी घटना की जांच में जुटी हुई है।  जोशीगांव के जिस घर में भूपाल का परिवार रह रहा था। वहां बैठने के लिए एक अदद कुर्सी नहीं है। बेड नहीं है और फर्श पर ही बिस्तर लगा था। जिस पर कीड़े रेंग रहे थे।

किराया भी नहीं दे रहा था भूपाल राम

बीते वर्ष बेटी अंजलि और कृष्णा का प्रवेश स्थानीय एक प्राइवेट स्कूल में कराया था। वह बच्चों की फीस भी नहीं दे पा रहा था। मकान मालिका गोविंद बिष्ट ने बताया कि उसे दो हजार रुपये प्रतिमाह में लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व किराये पर घर दिया था। लेकिन किराया भी नहीं दे रहा था।

देहरादून में रहते हैं मकान मालिक

मकान मालिक देहरादून में रहते हैं। उसका घर सड़क से लगभग एक किमी पैदल है। घर अकेले में हैं।

नहीं कर पा रहा था परिवार का भरण-पोषण

रसोई घर में चूल्हा था, लेकिन गैस सिलिंडर नहीं है। आधा कटा हुआ प्याज, बर्तनों के अलावा वहां कुछ भी राशन आदि नहीं था। घर के बाहर सगड़ था, जिस पर उनका भोजन बनता था। घर के हालत देख कर यह समझा जा रहा है कि वह अपने परिवार का भरण-पोषण भी नहीं कर पा रहा था।

Edited By: Nirmala Bohra