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    Bageshwar Mass Suicide: देनदारी से भागता रहा पति, मानसिक दवाब में आकर पत्‍नी ने परिवार को सुलाया मौत की नींद

    By ghanshyam joshiEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sun, 19 Mar 2023 09:08 AM (IST)

    Bageshwar Mass Suicide भूपाल राम देनदारी को लेकर भागता रहा और उसने बच्चों का प्यार भी खो दिया। मूल रूप से भनार गांव के भूपाल राम गरीब परिवार का है। वह लोगों से पैसा मांगता और काम चला रहा लेता। वह ढोल बजाना और टैक्सी आदि भी चला लेता है।

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    Bageshwar Mass Suicide: कई वर्षाें तक यह घटना लोगों को याद रहेगी।

    जागरण संवाददाता, बागेश्वर: Bageshwar Mass Suicide: जोशीगांव में किराये के घर पर कीड़े रेंगते चार शवों का देख लोग हदप्रद हैं। कोई परिवार इस तरह टूट गया, लेकिन उसकी भनक पड़ोस को भी नहीं लगी।

    पिता भूपाल राम देनदारी को लेकर भागता रहा और उसने बच्चों का प्यार भी खो दिया। उधारी मांगने आ रहे लोगों की धमकी से नंदी देवी मानसिक दवाब में थी। उसे ऐसा फैसला लेना पड़ा कि कई वर्षाें तक यह घटना लोगों को याद रहेगी।

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    मूल रूप से भनार गांव के भूपाल राम गरीब परिवार का है। वह लोगों से पैसा मांगता और काम चला रहा लेता। वह ढोल बजाना और टैक्सी आदि भी चला लेता है। लेकिन उसने जो रास्ता चुना, वह शायद उसकी भूल थी। वह रातोंरात धनवान बनना चाहता था।

    नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने लगा

    पहले लोगों से उधार मांगा और फिर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने लगा। वह फलां व्यक्ति से उधार लेता और दूसरे का चूकता करता। लेकिन कमाई का कोई साधन नहीं होने से वह इस खेल में भी नाकाम हो गया।

    परिवार को उसने खुश रखने की भरपूर कोशिश की। लेकिन देनदारी अधिक होने से वह लोगों की धमकी और लोकल पुलिस के असहयोग से भागने लगा।

    उसकी पत्नी नंदी देवी ने शायद उसे समझाया भी होगा। उधारी सिर से पार हो गई। आखिरकार पत्नी को ही बड़ा निर्णय लेना पड़ा। उसने तीन मासूम बच्चों के साथ आत्महत्या की ठान ली और हमेशा के लिए वह दुनिया छोड़ गई।

    दोषियों पर हो कार्रवाई

    कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने कहा कि घटना की तह तक जांच होनी चाहिए। एक परिवार रोटी के लिए तरस गया। जिसकी भनक तक किसी को नहीं लगी। इसके लिए शासन-प्रशासन भी पूरा जिम्मेदार है। दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। भूपाल को भी मदद की दरकार है।

    लोग नहीं कर पा रहे भोजन

    जिस व्यक्ति ने मासूमों के शव देखे वह भोजन भी नहीं कर पा रहे हैं। मनोज पांडे, जगदीश उपाध्याय, महेश तिवारी, दीपक सिंह, धीरज सिंह आदि ने कहा कि यदि परिवार की आर्थिकी स्थिति खराब थी तो उसे मदद करते। लेकिन इस परिवार ने मौका ही नहीं दिया।

    सुसाइड नोट मिला है। जिसमें परिवार की आपबीती है। कुछ नाम भी हैं। विवेचना के दौरान उनसे भी पूछताछ की जाएगी। बिसरा सुरक्षित रखा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। कार्रवाई भी की जा रही है।

    -हिमांशु कुमार वर्मा, एसपी, बागेश्वर