बकरियों की मौत से गुस्साए पशुपालकों ने किया प्रदर्शन
गरुड़ तहसील के लौबांज क्षेत्र में बकरियों की मौत से गुस्साएं पशुपालकों ने तहसील में प्रदर्शन किया।
संवाद सूत्र, गरुड़: तहसील के लौबांज क्षेत्र में बकरियों की मौत से गुस्साएं पशुपालकों ने तहसील में प्रदर्शन किया। आक्रोशित पशुपालकों व ग्रामीणों ने आजीविका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह में उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे।
गुरुवार को लौबांज क्षेत्र के प्रभावित पशुपालक ग्राम प्रधान मनोहर अलमिया के नेतृत्व में तहसील में पहुंचे। उन्होंने आजीविका के खिलाफ प्रदर्शन किया। पशुपालकों ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन योजना के तहत आजीविका परियोजना ने लौबांज न्याय पंचायत के कई गांवों में 17.40 लाख की लागत से 180 गरीब परिवारों को जौनपुर, राजस्थान से बकरियां लाकर वितरित की थी। एक महीने में ही बकरियां बीमार पड़ने लगी। जौनपुर से आई बकरियों से बीमारी फैलने के कारण पशुपालकों के अन्य जानवर भी बीमार पड़ गए हैं। अब तक 70 बकरियों की क्षेत्र में मौत हो चुकी है। पशुपालकों ने कहा कि उनकी आय का जरिया बकरी पालन था, जो आजीविका ने छीन लिया है। उनकी रोजी रोटी पर संकट आ गया है।उन्होंने आजीविका पर बीमार बकरी वितरित करने का आरोप लगाया। कहा कि परियोजना के अधिकारियों ने छल किया है। जिसकी जांच होनी बहुत आवश्यक है।
इस अवसर पर लौबांज के ग्राम प्रधान मनोहर अलमिया, कौलाग की प्रधान कौशल्या देवी, तल्ली नाकुरी के प्रधान प्रताप सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण, बालकृष्ण, रंजीत दास, सुनील पांडे, राम प्रसाद, प्रमोद कुमार, पुष्पा देवी, नीमा देवी, कमला देवी, मुन्नी देवी, बबीता देवी,भगवती देवी, दीपा देवी,मीरा देवी, विमला देवी आदि मौजूद थे।