वन विभाग में एसीएफ से लेकर वन रक्षकों का टोटा
जागरण संवाददाता बागेश्वर वन विभाग में एसीएफ से लेकर वन रक्षकों का टोटा पड़ा हुआ है। क
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: वन विभाग में एसीएफ से लेकर वन रक्षकों का टोटा पड़ा हुआ है। कपकोट और बागेश्वर रेंज में सालों से एसीएफ का पद रिक्त चल रहा है। वन रक्षकों की कमी होने से जंगली जानवरों से ग्रामीणों की सुरक्षा को विभाग लाचार हो गया है। अलबत्ता स्वीकृत 206 पदों के सापेक्ष 122 कर्मचारी गश्त और सुरक्षा व्यवस्था बनाए हुए हैं।
जिले में वन विभाग के अधीन 66 प्रतिशत से अधिक जंगल है। जंगल से हरे पेड़ कटने और अन्य नुकसान की शिकायतें भी समय-समय पर होते रही हैं। इसके अलावा जंगलों के बीच बसें गांवों में गुलदार आदि का आतंक भी सालभर बना रहता है। इन गांवों की सुरक्षा आदि जिम्मा कर्मचारियों के कंधे पर रहता है, लेकिन वन विभाग लंबे समय से अधिकारी और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि वन विभाग कैसे गश्त करेगा और वह सुरक्षा भी कैसी होगी।
-----------
डीएफओ आने के बाद प्रशिक्षण में
डीएफओ मंयक झा ने पांच अगस्त 2019 को कार्यभार ग्रहण किया और आते ही 28 दिन के प्रशिक्षण के लिए वे लखनऊ चले गए। कुछ दिन अवकाश और काम करने के बाद 14 अक्टूबर को पुन: आठ दिन के प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद गए हैं। यहां आने के बाद वे करीब 22 दिन ही अपने कार्यालय में रह पाए हैं।
------------
वन विभाग का ढांचा
बागेश्वर रेंज में जनवरी 2019 से एसपीएफ का पद रिक्त चल रहा है जबकि कपकोट में पिछले तीन साल से एसीएफ नहीं बैठे।
----------
आरओ से लेकर वन रक्षक तक कम
-रेंजर स्वीकृत-4 रिक्त-2
-डिप्टी रेंजर स्वीकृत-8 रिक्त-5
-वन दरोगा स्वीकृत 62 रिक्त-22
-वन रक्षक स्वीकृत-68 रिक्त-34
----------
कार्यालय भी राम भरोसे
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी के पद रिक्त चल रहे हैं। वरिष्ठ सहायक के तीन पद स्वीकृत हैं और सभी रिक्त हैं। वैयक्तिक सहायक, लेखाकार, सहायक लेखाकार के पद भी रिक्त हैं। सहायक सांख्यिकी अधिकारी का पद भी रिक्त चल रहा है। चालक के चार पद स्वीकृत हैं और दो से काम चल रहा है। चौकीदार सात पद रिक्त, जमादार, अड़दली के एक-एक पद रिक्त, माली तीन पद रिक्त चल रहे हैं। जबकि प्रधान सहायक का एक पद स्वीकृत है, यहां प्रमोशन के बाद पांच कार्यरत हैं।
============
डीएफओ प्रशिक्षण पर गए हुए हैं। छह रेंजों में रिक्त पदों की जानकारी विभाग ने शासन को भेजी हुई है। तैनात कर्मचारी मनोयोग से काम कर रहे हैं और रात-दिन ड्यूटी भी करनी पड़ रही है।
-मोहन सिह नयाल, आरओ, बागेश्वर