Move to Jagran APP

पूर्व फौजी के खाते से उड़ाए 50 हजार

जागरण संवाददाता बागेश्वर एक पूर्व फौजी के खाते से 50 हजार रुपये एक झटके में उड़ा लिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 11:38 PM (IST)
पूर्व फौजी के खाते से उड़ाए 50 हजार
पूर्व फौजी के खाते से उड़ाए 50 हजार

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : एक पूर्व फौजी के खाते से 50 हजार रुपये एक झटके में उड़ा लिए। एसबीआइ का मैनेजर बताकर एटीएम नंबर और ओटीपी हासिल करने के बाद ठगी को अंजाम दिया। फिलहाल प्रकरण की जांच में पुलिस जुट गई है।

loksabha election banner

ज्वालादेवी वार्ड के कफलखेत निवासी पूर्व फौजी नारायण राम पुत्र किशन राम केआरसी से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने 28 साल सेना में योगदान दिया। 17 अप्रैल की शाम 5.45 बजे उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह एसबीआइ बैंक का स्थानीय प्रबंधक बोल रहा है। उनके एटीएम नंबर की आवश्यकता है और नंबर बताओ। पूर्व फौजी उसके झांसे में आ गए और एटीएम नंबर बता दिया। थोड़ी देर बाद उसने फिर फोन करके कहा कि तुम्हारे नं. पर ओटीपी गया है उसे बताओ। ओटीपी बताते ही थोड़ी देर में उनके खाते से चार बार में 49,939 रुपये निकाल लिए गए। उनके मोबाइल में मैसेज आने पर वे परेशान हो गए। फौजी ने बताया कि वे रातभर सो नहीं सके और अलसुबह एसबीआइ पहुंचे और बैंक खुलने का इंतजार किया। उनके खाते में उनकी पेंशन आती है। जिसमें 2,70,294 रुपये थे। ठगी के बाद 2,30335 रुपये शेष बचे हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से धन की वापसी कराने की मांग की है।

------------

ऐसे निकले पैसे

24,980, 9,980, 4999, 9980 रुपये के हिसाब से चार बार उनके खाते से पैसे निकाले गए हैं।

........

फोन पर अपना एटीएम नंबर और अन्य प्रकार की जानकारी किसी को भी न दें। बैंक से किसी भी प्रकार का फोन नहीं आता है। साइबर क्राइम के जरिए तमाम लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं, उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।

-लोकेश्वर सिंह, एसपी, बागेश्वर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.