दुग्ध व्यवसाय के जरिये आत्मनिर्भर बनें महिलाएं
संवाद सहयोगी, दन्यां: ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं गाय, भैंस पाल कर दुग्ध उत्पादन के जरिये आर्थिक रू
संवाद सहयोगी, दन्यां: ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं गाय, भैंस पाल कर दुग्ध उत्पादन के जरिये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती हैं। महिला डेरी विकास विभाग इस कार्य के लिए ग्रामीण महिलाओं को हरसंभव प्रोत्साहन दे रहा है।
यह बात अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पर विकासखंड धौलादेवी के सभागार में महिला डेरी विकास उत्तराखंड की अल्मोड़ा इकाई द्वरा आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए ब्लाक प्रमुख पीतांबर पांडे ने कही। उन्होंने महिला डेरी अल्मोड़ा इकाई के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि महिला पशुपालकों को प्रेरित करने के साथ-साथ हर संभव मदद भी की जा रही है। उन्होंने कहा महिलाएं दुग्ध व्यवसाय के जरिये न केवल आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकती हैं बल्कि पलायन को रोकने में भी मददगार साबित हो सकती हैं। गोष्ठी में सीएचसी धौलादेवी की डा. पलक, डा. ज्योति, डा. पूजा भंडारी, दुग्ध डेरी की देवकी सेमवाल, पुष्पा नेगी, नंदी, किरन, शोभा, राधा आदि ने सम्बोधित किया। संचालन रमेश सिंह ने किया।
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इन महिलाओं को किया सम्मानित
फोटो: 8डीएनआईपी4
विवरण: पार्वती देवी को सम्मानित करती डा. पलक जागरण
दन्यां: दुग्ध उत्पादन में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पार्वती देवी चल्थी प्रथम, कमला देवी खूना द्वितीय और मंजू देवी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम में शांती देवी, लीला देवी, कांती देवी, कला देवी और लीला को सम्मानित किया गया। उत्तराखंड महिला परिषद और उत्तराखंड सेवा निधि पर्यावरण शिक्षण संस्थान के तत्वावधान में चलमोड़ी गाड़ा में भी ग्रामीण महिला संगठनों के सहयोग से महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड महिला परिषद की अध्यक्षा अनुराधा पांडेय, जिला पंचायत सदस्य निर्मला भैसोड़ा, रमा जोशी, अनिला पंत, पुष्पा पुनेठा ने विचार व्यक्त किये। अध्यक्षता निर्मला भैसोड़ाऔर संचालन अनिला पंत ने किया। कार्यक्रम में दन्यां गौली, मुनौली, आटी, रूवाल आदि गांवों से करीब दो सौ से अधिक महिलाओं ने प्रतिभाग किया।