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मेघों की बेरुखी से पहाड़ में जलस्रोत बेदम

संवाद सहयोगी, रानीखेत : सर्दी में मेघों की बेरुखी खेत खलिहान ही नहीं बल्कि पेयजल स्रोतों

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 11:09 PM (IST)
मेघों की बेरुखी से पहाड़ में जलस्रोत बेदम

संवाद सहयोगी, रानीखेत : सर्दी में मेघों की बेरुखी खेत खलिहान ही नहीं बल्कि पेयजल स्रोतों पर भी भारी पड़ रही है। पर्याप्त बारिश के अभाव में जलस्रोत बेदम होने लगे हैं तो जलापूर्ति का आखिरी विकल्प हैंडपंप कुछ सहारा दे रहे हैं। हालांकि भूजल में कमी के कारण पानी कम होने लगा है। उधर 18 घंटे तक बाधित गगास पंपिंग पेयजल योजना के चालू होने से काफी हद तक राहत मिली है।

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पर्यटन नगरी में तापमान गिरने से जहां नलों का पानी जमने के कारण जलापूर्ति बाधित चल रही। वहीं ताड़ीखेत विकासखंड के दूर गांवों में समय पर बारिश न होने से सूखते स्रोतों ने संकट बढ़ा दिया है। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर स्थित पिलखोली, जोग्याड़ी, जैनोली, डौरब, उपराड़ी, बजीना, बजोल, बमस्यूं आदि गाव के ग्रामीण पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं।

ताड़ीखेत : प्रगतिशील किसान गोपाल सिंह देव के अनुसार कंडारकुआ पट्टी के कनार, खुडोली, मंगडोली, खुशालकोट आदि गांवों में भी स्रोत दम तोड़ते जा रहे। इन गांवों के लिए पुरानी योजनाओं में पानी कम पहुंचने से लोग हलक तर करने को तरस रहे।

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'गगास पंपिंग योजना के पंप हाउस को दुरुस्त कर लिया गया है। 18 घंटे उसे बंद रखने से ग्रामीणों को जलापूर्ति नहीं की जा सकी। अब काम पूरा होने के बाद पंप चालू कर दिया गया है। शुक्रवार को योजना से जुड़े ताड़ीखेत ब्लॉक के करीब 18 गांवों को पानी पहुंचाया गया। शेष के लिए शनिवार से जलापूर्ति सुचारु कर दी जाएगी।

- मनोज पांडे, जेई जल संस्थान'


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