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एयरपोर्ट निर्माण मसले पर ग्रामीणों ने फिर जताया विरोध

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया के रंगीली बैराठ नगरी के हाट-झला में प्रस्तावित एयरपोर्ट के निर्माण पर राज जानने पहुंचे राजनिरीक्षक को झेलना पड़ा ग्रामीणों का विरोध

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:53 PM (IST)
एयरपोर्ट निर्माण मसले पर ग्रामीणों ने फिर जताया विरोध

संवाद सहयोगी, चौखुटिया: रंगीली बैराठ नगरी के हाट-झला में प्रस्तावित एयरपोर्ट के निर्माण के संबंध में ग्रामीणों का पक्ष जानने के लिए गुरुवार को गांव पहुंचे राजस्व उपनिरीक्षक के सामने उन्होंने खुलकर विरोध जताया। कहा कि खेतीबाड़ी ही उनकी आजीविका का एक मात्र जरिया है। ऐसे में हवाई पट्टी बन जाने से सैकड़ों परिवार बेघर हो जाएंगे। इसलिए क्षेत्र के दोनों ग्राम पंचायतों की ओर से आपत्ति प्रस्ताव सौंपने का निर्णय लिया गया।

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चौखुटिया के झला-हाट में बीते कई वर्षो से एयरपोर्ट निर्माण की कवायद चल रही है। इसके लिए पूर्व में वायु सेना कई बार भूमि का सर्वे कर चुकी है। दो वर्ष पूर्व सेना के शीर्ष अधिकारियों ने भी भूमि का जायजा लिया तथा सेना के अधिकारियों के निर्देश पर प्रशासनिक व राजस्व कार्मिकों द्वारा भूमि सीमांकन को अंतिम रूप दे दिया, पर ग्रामीणों केविरोध के चलते कार्रवाई पर विराम लग गया। ऐसे में दो साल तक मामला शांत रहा।

इधर चीन से बढ़ते तनाव के मद्देनजर फिर से एयरपोर्ट का महत्व बढ़ गया तथा इसके लिए फिर से कवायद तेज हो गई। इस सिलसिले में गुरूवार को राजस्व उप निरीक्षक ईश्वर सिंह रौतेला ने झला-कवाधार व हाट में बैठकें कर ग्रामीणों की राय जानी। साथ ही एयरपोर्ट के लिए ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव देने को कहा, लेकिन ग्रामीणों ने विरोध करते हुए कहा कि वे खुली बैठक कर आपत्ति प्रस्ताव सौंप देंगे। ग्रामीणों का कहना था कि उपजाऊ भूमि में एयरपोर्ट बनाया जाना उनके साथ अन्याय है।

अलग अलग बैठकों की अध्यक्षता प्रधान जगदीश वर्मा व किरन देवी कैड़ा ने की। इस अवसर पर गिरीश चंद्र तिवारी, गोपाल मेहता, किशन बिष्ट, ह सिंह, भवानी देवी, तुलसी देवी, श्याम सिंह, कमला देवी,्र धन सिंह, परमानंद, लीलाधर सुयाल, कैलाश चंद्र, बिशन दत्त, पप्पू सिंह, सुभाष भाकुनी, खीम सिंह, उमेश मनराल, भुवन सिंह मनराल, रूद्र सिंह व मुन्ना सिंह आदि मौजूद थे।

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इन गांवों के ग्रामीण होंगे प्रभावित

हवाई पट्टी के लिण् प्रस्तावित झला-हाट की भूमि गेवाड़ घाटी की सर्वाधिक उपजाऊ व कृषि योग्य भूमि है। इस पर झला, कारचूली, चक नवाड़, हाट, कवाधार, भैल्टगांव, बसनलगांव, उड़लखान, सौनगांव व भटकोट आदि गांवों के काश्तकार आश्रित हैं।

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एयरपोर्ट निर्माण को लेकर ग्रामीणों का पक्ष जानने के लिए दो स्थानों पर अलग अलग बैठकें की गई, लेकिन ग्राम पंचायतों के सभी लोग मौजूद न होने से फिर समस्त जनता की राय ली जाएगी तथा प्रस्ताव तैयार होगा।

- ईश्वर सिंह रौतेला, स्थानीय राजस्व उपनिरीक्षक।


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