महिला समूहों को पिरुल से ईधन बनाने का दिया गया प्रशिक्षण
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : पंडित गो¨वद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थ
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : पंडित गो¨वद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान कोसी कटारमल की तरफ से पिरूल से जैविक ईधन बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर आजीविकास परियोजना व जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में हवालबाग, चौखुटिया, स्याल्दे, सल्ट व द्वाराहाट विकासखंडों के 39 गांवों से 45 महिला समूहों ने भाग लिया। जिसमें कुल 126 महिला सदस्य मौजूद रहे। इसमें वैज्ञानिकों ने उनको पिरुल से जैविक ईधन बनाने व इसकी उपयोगिता की जानकारी दी।
संस्थान के तकनीकी परिसर में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आरसी सुंदरियाल ने संस्थान की तरफ से बायो ब्रिकेट प्रशिक्षण की जानकारी दी। उनका कहना था कि हिमालयी क्षेत्र में चीड़ के वनों की अधिकता के कारण पिरुल बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। जो कि च्वलनशील होने के कारण गर्मी के मौसम में जल्दी आग पकड़ता है। इससे जंगलों को नुकसान पहुंचता है। वैज्ञानिक ने कहा कि संसाधनों व पर्यावरण संरक्षण के लिए पिरुल तसे बायो ब्रिकेट बनाने का प्रशिक्षण अतिआवश्यक है। यह दूसरे पदार्थों से भी बनाया जा सकता है। जैसे भूसा, लकड़ी, चिप्स, तारकोल, खरपतवार आदि। उनका कहना था कि परियोजना क्षेत्र के दाड़मिखोला गांव की महिलाओं ने इसका प्रशिक्षण लेकर अपनी आíथक स्थिति मजबूत कर ली है। प्रशिक्षण सत्र से पिरुल से कोयला बनाने का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण हुआ। इसमें युवा वैज्ञानिक डॉ. हर्षित पंत ने प्रतिभागी महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण की जानकारी दी। इसमें हवालाबाग प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य एसएन पाठक ने सभी को जागरूक किया। कार्यक्रम के समापन पर संस्थान के वैज्ञानिक व विभागीय अधिकारियों ने प्रशिक्षण को गांव-गांव तक पहुंचाने का आह्वान किया। इस मौके पर प्रशिक्षक जोगेंद्र प्रसाद, आनंदबल्लभ भट्ट, आजीविका समूह के कैलाश भट्ट, विनोद, डॉ.देवेंद चौहान, डीएस बिष्ट, दीप्ति भोजक, मनीषा पिमोली, हिमांशु, मुकेश देवराड़ी आदि मौजूद रहे।