अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे पर 16 घंटे बाद भी आवागमन शुरू नहीं
पर्वतीय क्षेत्रों में आसमान से बरसी आफत ने जिदगी की रफ्तार थाम दी है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे जगह-जगह बंद हो गया है। 16 घंटे बाद भी मार्ग पर आवागमन शुरू नहीं हुआ है। सैकड़ों की संख्या में लोग रास्तों पर फंसे हैं।
संवाद सहयोगी, दन्यां ( अल्मोड़ा) : पर्वतीय क्षेत्रों में आसमान से बरसी आफत ने जिदगी की रफ्तार थाम ली। अल्मोड़ा-घाट-पिथौरागढ़ हाईवे पर कई स्थानों पर भूस्खलन हो गया। ओखलगाड़ा के पास पहाड़ी दरक गई। बोल्डरों के साथ बरसाती पानी के प्रवाह में बहकर आए मलबे ने मुश्किलें और बढ़ा दी। मकड़ाऊं के पास राष्ट्रीय राजमार्ग प्रशासन की टीम ने घंटों मशक्कत के बाद मलबा तो हटा लिया। मगर ओखलगाड़ा क्षेत्र में गिरे विशालकाय बोल्डर व रुक-रुक कर गिरता मलबा दुश्वारियां बढ़ा रहा है। नतीजतन बुधवार की शाम छह बजे तक बीते 16 घंटों से अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे बंद पड़ा था।
जिले के धौलादेवी क्षेत्र में बीती मंगलवार को मध्यरात्रि दूसरे प्रहर बाद भारी बारिश से हालात बिगड़ गए। अल्मोड़ा-घाट हाईवे पर कई जगह भूस्खलन से सड़क मलबे से पट गई। दन्यां से करीब 25 किमी दूर ओखलगाड़ा के पास पहाड़ी दरक गई। बोल्डरों के साथ भारी मात्रा में मलबा आ गया। हाईवे पूरी तरह बाधित हो गया। एनएच की टीम बुधवार सुबह छह बजे लोडर मशीन की मदद से सड़क खोलने में जुटी।
कांडानौला व मकड़ाऊं क्षेत्र में मलबा तो साफ कर दिया गया। मगर ओखलगाड़ा के पास पहाड़ी का बड़ा हिस्सा हाईवे पर गिरने से राष्ट्रीय राजमार्ग शाम छह बजे तक नहीं खोला जा सका है। अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ के लिए आवागमन कर रहे छोटे-बड़े सैकड़ों वाहन फंसे पड़े हैं। इसके अलावा दन्यां आरासल्पड़ व हनुमानगढ़ी रोलगल्ली आंतरिक सड़क भी पूरी तरह बाधित हो गई है। इन सड़कों पर कई स्थानों पर भूस्खलन से मलबा आ गया है।
बरसाती नाले उफनाए, वन विभाग को राहत
अल्मोड़ा/रानीखेत : सुबह से ही आसमान में छाए बादल अपराह्न में बरसे। अल्मोड़ा में करीब आधा घंटा झमाझम बारिश हुई तो रानीखेत में मूसलधार वर्षा हुई। इससे बरसाती नाले उफन आए। इससे लोगों ने बढ़ती उमस से राहत महसूस की। वहीं वनाग्नि सुरक्षा के प्रति चितित वन विभाग ने भी राहत की सांस ली है। पहाड़ में बुधवार सुबह से ही मौसम ने करवट बदल ली। सुबह व मध्याह्न में हल्की बूंदाबांदी के बाद अपराह्न में तेज बारिश हुई।
किसानों के लिए लाभकारी बारिश
कृषि व उद्यान विभाग ने इस बारिश को काश्तकारों के लिए लाभकारी बताया है। मुख्य कृषि अधिकारी प्रियंका सिंह का कहना है कि इससे खरीफ के सीजन में बोए जाने वाले बीजों का अंकुरण जल्द होगा। वहीं उद्यान विभाग के मुख्य उद्यान अधिकारी टीएन पांडे का कहना है कि इस बारिश से शाक-भाजी का उत्पादन बेहतर हो सकेगा।