अल्मोड़ा में इस बार खरीफ का रकबा दस हजार हेक्टेयर से ज्यादा
अल्मोड़ा जिले का कृषि विभाग इस बार खरीफ फसल का रकबा बढ़ाने की दिशा में जुट गया है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कृषि विभाग इस बार खरीफ फसल का रकबा बढ़ाने की दिशा में जुट गया है। पिछली बार जहां 70 हजार हेक्टेयर में खरीब की फसल बोई गई थी, वहीं इस बार यह 80 हजार हेक्टेयर में होगी। इसी के अनुसार न्याय पंचायत क्षेत्रों में बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें मडुवा, मादिरा व गहत आदि को विशेष महत्व दिया गया है।
जिले में कुल काश्तकारों की संख्या 1,02, 917 है। इस बार विभाग ने समय से पूर्व ही सभी न्याय पंचायत क्षेत्रों में खरीफ की फसल के लिए एक हजार क्विटल बीज पहुंचा दिया है। काश्तकारों को अपने घरों के आसपास के न्याय पंचायत क्षेत्रों से ही यह सब्सिडी पर उपलब्ध हो सकेगा।
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किस फसल का कितना क्षेत्रफल
मडुवा - 36000
धान- 19000
मक्का -2000
सांवा-13000
रामदाना-25000
उड़द-2000
गहत-4000
सोयाबीन-1000
भट्ट-2000
तिल-20
अरहर-500
नोट:क्षेत्रफल हेक्टेयर में दर्ज है
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वर्जन
विभाग काश्तकारों की बेहतरी के लिए प्रयासरत है। इस बार खरीफ फसल का रकबा 10 हजार हेक्टेयर बढ़ाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। सभी न्यायपंचायत क्षेत्रों में जरूरी बीज उपलब्ध करा दिया है। बीज व उर्वरक काश्तकारों को 50 फीसद सब्सिडी पर मिलेगा। इस संबंध में सभी न्याय पंचायत प्रभारियों को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।
-प्रियंका सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी असम की अदरक सुधारेगी ग्रामीणों की आर्थिकी संवाद सहयोगी, रानीखेत : लगातार नुकसान उठा रहे किसानों ने एक बार फिर खेतों का रुख कर लिया है। ताड़ीखेत ब्लॉक के इन 600 किसानों को 160 क्विंटल अदरक का बीज बाटा गया है। उपज को फंगस से बचाने के लिए निश्शुल्क दवा भी कर दी गई है।
कोरोना संक्त्रमण की रोकथाम को बीते वर्ष लगे लॉकडाउन से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। बड़ी मंडियों में आवाजाही न होने से किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी। अब एक बार फिर किसानों ने खेतों का रुख किया है। ताड़ीखेत ब्लॉक के तिपौला, डौरब, बजीना, पोखरी, पाखुड़ा, जाला, खग्यार समेत 21 गावों के 600 से ज्यादा काश्तकारों को उद्यान विभाग ने 160 क्विंटल से अधिक विशेष प्रजाति का असम का अदरक का बीज मुहैया कराया है। किसानों ने इसकी बोवाई भी शुरू कर दी है। इससे किसानों की आर्थिकी सुधरने की उम्मीद जगी है। उद्यान सचल दल प्रभारी कैलाश पुजारी के अनुसार ग्रामीणों को अदरक का बीज उपलब्ध कराने के साथ ही फंगस रोधी दवा भी निश्शुल्क दी गई है। विभाग किसानों को बेहतर उत्पादन के गुर सिखाने के साथ ही लगातार मॉनीटरिंग भी करेगा।