सड़क के सुख से वंचित तरूला ग्राम के ग्रामीण
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : विकास खंड भैसियाछाना अंतर्गत ग्राम तरूला के वाशिंदे आजादी के सात दश
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : विकास खंड भैसियाछाना अंतर्गत ग्राम तरूला के वाशिंदे आजादी के सात दशकों के बाद भी सड़क सुख से वंचित हैं। ग्रामीणों ने इस मूलभूत सुविधा से इस ग्राम को जोड़ने के लिए कारगर उपाय किए जाने की मांग शासन व प्रशासन से की है।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों का कहना है कि देश को आजाद हुए 72 साल हो चुके हैं, इसके बाद भी तरूला गांव सड़क से नहीं जुड़ पाए है। कहा कि गांव के उत्तर दिशा से गुजरने वाले नैनी-सेराघाट मोटरमार्ग से यह लगभग तीन किलोमीटर दूर पड़ता है। इस गांव से मोटर रोड तक पहुंचने के लिए सीधी खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। जिस कारण गांव के वृद्ध, बीमार, दिव्यांग जन व थोड़ी सी ही समान के साथ सड़क पर पहुंचना दुष्कर कार्य होता है। गांव फल बाहुल्य क्षेत्र है, यहां आम, पपीता, अमरूद, केला, माल्टा, नींबू, आलू, गढेरी, कटहल बहुतायत से पैदा होता है, लेकिन विपणन की उचित सुविधा नहीं होने से काश्तकारों को इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इस गांव के सालों बाद भी मुख्य मोटरमार्ग से नहीं जुड़ पाने से गांव से लगातार पलायन बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस संदर्भ में वह विधानसभा उपाध्यक्ष को ज्ञापन दे चुके है, लेकिन अभी तक ग्रामीणों के हितों की कोई सुध नहीं ली जा सकी है। उन्होंने ग्रामीणों की इस ज्वलंत समस्या का जल्द संज्ञान लिए जाने की मांग शासन, प्रशासन व विभाग से की है। मांग करने वालों में जनप्रतिनिधि नंदी देवी, दीपा देवी, ललित खनी, हयात सिंह, भागुली देवी, मुन्नी देवी, सुनील चंद्र जोशी, अमित भट्ट, बसंत कुमार समेत तरूला के अनेक ग्रामीण शामिल हैं।