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पाडली की पहाड़ी की आखिरी बाधा भी पार

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के बीच पाडली की पहाड़ी की आखिरी बाधा भी दूर हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 11:02 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 06:16 AM (IST)
पाडली की पहाड़ी की आखिरी बाधा भी पार
पाडली की पहाड़ी की आखिरी बाधा भी पार

संवाद सहयोगी, रानीखेत : देश में पहली बार जापानी तकनीक का मॉडल बनने जा रही अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे स्थित अति संवेदनशील पाडली की पहाड़ी ने आखिरी बाधा भी पार कर ली है। देहरादून में भारतीय व जापानी विशेषज्ञों की संयुक्त टीम के बीच हुए मंथन के बाद अब दक्षिण भारत की निर्माण ईकाई बूमि (बीयूएमई) को कार्य शुरू करने को अनुमति दे दी गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जल्द पहाड़ी पर अत्याधुनिक जापानी तकनीक से कार्य शुरू हो जाएगा।

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जायका परियोजना के तहत जापान से आर्थिक मदद के साथ-साथ तकनीक के बेजोड़ मेल से पाडली की पहाड़ी से भूस्खलन रोकने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। बकायदा निर्माण ईकाई को जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। करीब 17 करोड़ रुपये की लागत से देश में पहली बार नरेंद्रनगर, रुद्रप्रयाग के साथ ही पाडली में जापानी तकनीक से काम होगा। बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किए जाने के बाद स्थानीय पौधों की प्रजाति का भी जापानी तकनीक से ही रोपण होगा। देश के विशेषज्ञों के साथ जापान की टीम ने तीन से चार दौर की सर्वे भी पूरी कर ली है। जिसके तहत जमीन के अंदर पानी की उपलब्धता, मजबूत चट्टान के साथ ही मिट्टी आदि के सर्वे पूरे कर लिए गए हैं। जापानी विशेषज्ञ व भारतीय अधिकारियों की बैठक में दक्षिण भारत की निर्माण ईकाई बूमी को बकायदा कार्य शुरू करने की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार निर्माण ईकाई को संसाधन जुटा जल्द कार्य शुरू करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।

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विभागीय अधिकारी ने भी कसी कमर

कार्य तेजी से हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने भी कमर कस ली है। टास्क टीम का गठन भी कर लिया गया है जिसमें वन विभाग के अधिकारियों के साथ देश के इंजीनियर व जापान के एक्सपर्ट शामिल हैं। विभागीय अधिकारियों ने दावा किया है कि साल भर के अंदर कार्य पूरा भी कर लिया जाएगा। :::::::वर्जन

जापानी वैज्ञानिक, इंजीनियरों व अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई। दक्षिण भारतीय निर्माण ईकाई को कार्य शुरु करने के निर्देश दिए गए है। जल्द ही पाडली की पहाड़ी पर जापानी तकनीक से कार्य शुरू हो जाएगा।

- उमेश जोशी, डीएफओ रानीखेत व टास्क टीम इंचार्ज पाडली


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