एक करोड़ की डायलिसिस मशीन खा रही जंक
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : बेस अस्पताल में वर्ष 2006 में एक करोड़ की लागत से लगाई गई डायलिसि
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : बेस अस्पताल में वर्ष 2006 में एक करोड़ की लागत से लगाई गई डायलिसिस मशीन का संचालन नहीं हो पाया है। ऐसे ही कही मशीनें चिकित्सकों और अन्य सुविधाओं के अभाव में जंक खा रही है। जो प्रदेश सरकार द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावों की पोल खोलने को काफी है । हालात इतने खराब हैं कि ग्रामीण क्षेत्र तो दूर जिला मुख्यालयों में तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी बनी हुई है।
अल्मोड़ा जिले में यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से जिला मुख्यालय में सालों पहले बेस अस्पताल की स्थापना की गई। रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें इसके लिए वर्ष 2006 में यहां डायलिसिस यूनिट की भी स्थापना की गई। जिसके लिए सरकार ने एक करोड़ दस लाख रुपये खर्च किए। यूनिट के संचालन के लिए एक चिकित्सक और दो नर्सो की तैनाती भी की गई। लेकिन इसके बाद भी आज तक इस अस्पताल में स्थापित डायलिसिस मशीन का प्रयोग शुरू नहीं हो सका है। टेक्नीशियन के अभाव में जहां करोड़ों रुपये की यह मशीन अस्पताल में धूल फांक रही है। वहीं संसाधन होने के बाद भी रोगियों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। सोशलिस्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अकबर खान ने कहा है कि विभाग के अधिकारियों से कई बार इस मशीन का प्रयोग के लिए टेक्नीशियन की तैनाती की मांग की गई। लेकिन अधिकारियों ने इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण अब रोगियों को उपचार के लिए दूसरे महानगरों का रूख करना पड़ रहा है। खान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने की तोहमत मढ़ते हुए शीघ्र डायलिसिस मशीन का संचालन शुरू करने की मांग की है। खान ने कहा है कि अगर शीघ्र कोई कार्रवाई नहीं की गई तो जनता के सहयोग से आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
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जिले के अस्पतालों में निष्क्रिय पड़ी मशीनों के संचालन के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। जहां तक बेस अस्पताल की डायलिसिस मशीन का सवाल है तकनीशियनों के न होने और जरूरी उपकरणों के अभाव में इसे संचालित नहीं किया जा पा रहा है। जिसकी जानकारी महानिदेशक स्वास्थ्य को दी गई है।
-डॉ. निशा पांडे, सीएमओ, अल्मोड़ा