पर्यावरण की कीमत पर और नहीं खुलने देंगे स्टोन क्रशर
संवाद सहयोगी, रानीखेत/गरमपानी : कोसी घाटी में बढ़ रही स्टोन क्रशर की होड़ तथा पर्वतीय क्षेत्र
संवाद सहयोगी, रानीखेत/गरमपानी : कोसी घाटी में बढ़ रही स्टोन क्रशर की होड़ तथा पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण की अनदेखी के खिलाफ आवाज बुलंद होने लगी है। खास बात कि अब सत्तापक्ष से जुड़े सियासी लोग ही पहाड़ में लगातार बढ़ रही स्टोन क्रशर की संख्या पर मुखर हो उठे हैं। घाटी क्षेत्र में अब अन्य कारोबारियों को अनुमति न दिए जाने की मांग उठाते हुए एसडीएम को ज्ञापन भेज निर्माणाधीन क्रशर पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
दरअसल, अंतरजनपदीय सीमा पर कोसी क्षेत्र में दो स्टोन क्रशर पहले ही स्थापित किए जा चुक हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ और कारोबारियों ने क्रशर के लिए आवेदन किए हैं, अथवा कुछ के निर्माणाधीन हैं। इधर पर्यावरण का हवाला देते हुए सत्तापक्ष के लोगों ने क्रशर की बढ़ती संख्या पर कड़ा एतराज जताते हुए विरोध शुरू कर दिया है। साथ ही जनस्वास्थ्य, फसल उत्पादन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका जताते हुए इन पर रोक लगाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
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जरूरत पड़ी तो आयुक्त कार्यालय में देंगे धरना
भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष गोपाल सिंह जैड़ा ने एसडीएम प्रमोद कुमार को खिलाफत में ज्ञापन भेज इसके दुष्परिणाम गिनाए हैं। भाजपा नेता का तर्क है कि कोसी क्षेत्र में क्रशर की लगातार यूं ही बढ़ती रही तो आने वाले समय में खेती चौपट हो जाएगी। जनस्वास्थ्य तो प्रभावित होगा ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा। उनका कहना है कि घाटी क्षेत्र में दो क्रशर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जो पर्याप्त हैं। उन्होंने नैनीचैक, रतौड़ा, दाड़िमा, सेठी आदि क्षेत्रों में निर्माणाधीन क्रशर पर जल्द रोक लगाए जाने की माग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि अनुमति दी गई तो स्थानीय ग्रामीणों को साथ लेकर आयुक्त कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।