ताकि संकटकाल में आइसीयू से मरीजों को दी जा सके प्राणवायु
अल्मोड़ा में स्वास्थ्य विभाग ने जिला चिकित्सालय में आइसीयू कक्ष को शुरू करने की कवायद तेज की।
संस, अल्मोड़ा: कोरोना के बढ़ते संक्रमण से सकते में आए स्वास्थ्य विभाग ने जिला चिकित्सालय में कछुआ चाल से चल रहे आइसीयू कक्ष को शुरू कराने को कसरत तेज कर दी है। वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सालभर से यूनिट के चालू न होने पर हालिया डीएम ने दो दिन के भीतर इसका संचालन शुरू करने के निर्देश दिए थे। फिलहाल, आइसीयू कक्ष को धरातल पर तो नहीं उतारा जा सका है। मगर इसके संचालन को प्रशिक्षण चालू कर दिया है।
जिला मुख्यालय में आइसीयू कक्ष अब तक मूर्तरूप नहीं ले सका है। लॉकडाउन में शुरू आइसीयू का कार्य कोरोना की दूसरी लहर में भी शुरू नहीं किया जा सका है। 46 लाख रुपये की लागत से जिला चिकित्सालय में आठ माह बाद पाइपलाइन तो बिछा दिए गए हैं। मगर इसमें ऑक्सीजन प्रवाहित नहीं की जा सकी है। ऐसे में छह वेंटीलेटर धूल फांक रहे। इधर बुधवार को चिकित्सालय में आसीयू कक्ष को संचालित किए जाने को प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया। स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर के संचालन की तकनीक बताई गई। निश्चेतक डा. मेहर सिंह ने वेंटिलेटर की उपयोगिता, आपातकाल में उसके इस्तेमाल आदि के बार में गहन जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर मरीज के फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है। वहीं कार्बन डाइ ऑक्साइड को बाहर निकालता है। पीएमएस डा. आरसी पंत ने बताया कि वेंटिलेटर के संचालन के लिए स्टाफ की आवश्यकता है। उच्च अधिकारियों को प्रस्ताव भेज स्टाफ की मांग की गई है। डा. पंत ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य आपात स्थिति में वेंटिलेटर का संचालन कर मरीज की जान बचाना है। इस दौरान डा. मेहर सिंह, डा. राहुल प्रधान, सतीश जोशी सहित अनेक स्टाफ नर्स मौजूद रहीं।
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