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घटता वन क्षेत्र मानव वन्य जीव संघर्ष का मुख्य कारण : हीरा

रानीखेत में वन विभाग के तत्वावधान में मानव वन्य जीव न्यूनीकरण विषयक गोष्ठी में 82 ग्रामीणों को लाखों का मुआवजा दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 10:43 PM (IST)
घटता वन क्षेत्र मानव वन्य जीव संघर्ष का मुख्य कारण : हीरा

संवाद सहयोगी, रानीखेत : वन विभाग के तत्वावधान में मानव वन्य जीव न्यूनीकरण विषयक गोष्ठी में ग्रामीणों को जंगली जानवरों के हमले से बचने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियो की जानकारी दी। इस दौरान 82 पशुपालकों को गुलदार का निवाला बन चुके मवेशियों का मुआवजा राशि के रूप में करीब 11 लाख 42 हजार रुपये के चेक भी वितरित किए गए।

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गनियाद्योली स्थित रेंज कार्यालय में गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि नवनिर्वाचित ब्लॉक प्रमुख हीरा रावत ने किया। उन्होंने गुलदार, सुअर के मानव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। कहा वन्य जीव मानव संघर्ष के लिए घटते वन क्षेत्र को मुख्य कारण बताया। कहा वन्य जीव संघर्ष से बचने के लिए सभी लोगों को वन क्षेत्र को बचाने का प्रयास करना होगा। वन क्षेत्राधिकारी उमेश पांडे ने जंगली जानवरों के हमले के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों व बचाव तथा जंगली जानवरों के मानव पर हमलों के कारणों पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में रानीखेत वन क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले विभिन्न गांवों के करीब 82 पशुपालकों को गुलदार के हमले में मारे गए मवेशियों का करीब 11.42 लाख रुपये के चेक प्रदान किए। अध्यक्षता क्षेत्र पंचायत सदस्य अमित पांडे व संचालन बलवंत भंडारी ने किया। कार्यक्रम में ज्येष्ठ उपप्रमुख मोहन सिंह नेगी, दीप उपाध्याय, सुरेंद्र बोरा, कुशल कैड़ा, नंदन सिंह, जगदीश बिष्ट आदि मौजूद रहे।


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