गोसेवा व हरीभजन हर व्यक्ति को करना बेहद जरूरी
संवाद सूत्र, जैती, अल्मोड़ा : श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम न्यास कनरा डोल में गुरुवार को शाम
संवाद सूत्र, जैती, अल्मोड़ा : श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम न्यास कनरा डोल में गुरुवार को शाम चार बजे से 6 बजे तक संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें आश्रम के संस्थापक बाबा कल्याणदास की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन में कई संतों ने भाग लिया। इस मौके पर बाबा कल्याणदास ने गोसेवा व भजन पर हर सनातन धर्मावलंबी को ध्यान देने की जरूरत बताई। उनका कहना था कि हमारी सनातन संस्कृति पांच देवों की पूजा-अर्चना व गोसेवा में निहित है।
शाम चार बजे के बाद शुरू हुए संत सम्मेलन में बाबा कल्याणदास ने कहा कि हर व्यक्ति को गोसेवा व हरीभजन करना चाहिए। यह सनातन परंपरा के अंग हैं। मौजूदा समय में लोग पूजा अर्चना से दूर होते जा रहे हैं। यह गंभीर प्रश्न है। इस पर सभी को ¨चतन करने की आवश्यकता है। भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम ने कहा कि सनातन धर्म की पुरातन संसकृति को बचाने की जिम्मेदारी हमारे अतिरिक्त समाज की भी है। गोसेवा की महत्ता हमारे समाज को व्यवस्थित बनाती है। जो गाय न पाल सकते हों वह गौशाला जाकर इनकी सेवा का फल प्राप्त कर सकते हैं। पूरी सनातन प्रक्रिया गाय पर टिकी है। महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने आए हुए सांधु-संतों के बारे में विस्तावर से प्रकाश डाला। उनका कहना था कि समाज को सही रास्ता दिखाने का काम संतों का है। आज जो भी धर्म समाज व विश्व में संचालित हैं उनमें सबसे श्रेष्ठ धर्म सनातन धर्म है। इसको व्यवस्थित व मजबूत बनाने का काम हम सभी का है। समाज में धर्म-कर्म के साथ यज्ञ का आयोजन होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय संत सम्मेलन में अभी देश के कोने-कोने से संतों का आना बाकी है। शुक्रवार को सम्मेलन के दूसरे दिन संतों की संख्या में बढ़ जाएगी।
इस मौके पर बाबा कल्याणदास, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद, निर्गुणदास, संत आत्माराम, कपिलेश्वरानंद, विश्वेश्वरानंद सहित आश्रम के छात्र मौजूद रहे।