जल संस्थान कार्यालय में हल्लाबोल, ईई का घेराव
अल्मोड़ा नगर से लगी सरकार की आली ग्राम पंचायत व इससे सटे कस्बे में पेयजल किल्लत पर बिफरे लोग।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : नगर से लगी सरकार की आली ग्राम पंचायत व इससे सटे कस्बे में पेयजल किल्लत पर विभाग ने क्षेत्रवासियों की सुध न ली तो उनके सब्र का बांध टूट पड़ा। लोग पंचायत व जनप्रतिनिधियों के साथ जल संस्थान कार्यालय जा धमके। अधिशासी अभियंता (ईई)का घेराव कर कर्मचारियों पर मनमानी का आरोप लगाया। दो टूक चेताया कि यदि जल्द जल वितरण प्रणाली में सुधार कर सुचारु जलापूर्ति न की गई तो कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा।
सरकार की आली ग्राम पंचायत में इन दिनों पानी की किल्लत लगातार बढ़ रही है। इस संबंध ग्रामीण कई बार समस्या के निदान की मांग उठा चुके हैं। मगर सुध न लिए जाने पर ग्राम प्रधान संगठन जिलाध्यक्ष व गांव के मुखिया धीरेंद्र गैलाकोटी व युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मल रावत के संयुक्त नेतृत्व में ग्रामीण बुधवार को जल संस्थान कार्यालय जा पहुंचे। अधिशासी अभियंता केएस खाती का घेराव कर समस्या के निदान की मांग उठाई। प्रधान धीरेंद्र का कहना था कि क्षेत्र में समान जलापूर्ति नहीं की जा रही है। वितरण प्रणाली ठीक न होने से समस्या और गहरा गई है। पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने भी पानी की किल्लत को गंभीर बताते हुए समस्या के शीघ्र निदान पर जोर दिया। घेराव करने वालों में ममता तिवारी, रेखा पंत, सात्रिी देवी, गायत्री सिराड़ी, हेमा साह, रेनू पांडे, सरस्वती लोहनी, नीमा जोशी, सुषमा गुरुरानी, गीता पाठक, खीमा भगत, भुवन पंत आदि शामिल रहे। इधर अधिशासी अभियंता केएस खाती ने कहा कि विभागीय स्तर पर सभी को समान रूप से जल वितरण की व्यवस्था की गई है। सरकार की आली ग्राम पंचायत में गड़बड़ कहां कैसे हो रही है इसकी जांच करा शीघ्र निदान कराएंगे।
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तंत्र से नाराज 102 साल की गोपुलीदेवी अब धरने पर बैठी
= जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के बाशिंदे भूख हड़ताल पर डटे संस, द्वाराहाट : जलसंकट से जूझ रही जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत ईड़ा के लोग भूख हड़ताल पर डटे हैं। मगर विभागीय स्तर पर यही स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि पेयजल योजना कब तक दुरुस्त की जाएगी। आमरण अनशन को 16 दिन बीतने के बावजूद समस्या का स्थायी समाधान न निकलने से व्यथित 102 वर्ष की गोपुली देवी उपवास लेकर धरने पर बैठ गई। वहीं भूख हड़ताल पर बैठे दो लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।
ईड़ा गांव में आमरण अनशन बुधवार को भी बरकरार रहा। वहीं 72 वर्षीय केसर सिंह तथा 63 वर्ष के दिगंबर सिंह ने भी जहां भूख हड़ताल शुरू कर दी है। वहीं तंत्र की बेरुखी से नाराज 102 साल की गोपुली देवी आठ अन्य महिलाओं के साथ धरने पर बैठ गई। इससे पूर्व वह अनशन पर बैठी थीं। ग्रामीणों के आग्रह पर उन्होंने इस बार अनशन नहीं किया। लोगों ने कहा कि ईड़ा गांव में बीते तीन माह जलापूर्ति ठप है। छह अक्टूबर से शुरू आमरण अनशन पर प्रशासन व विभागीय अधिकारी केवल आश्वासन ही दे सके हैं। ग्रामीणों ने जलसंकट से निजात को स्थायी समाधान की पुरजोर मांग उठाई। कहा कि जब तक पेयजल योजना दुरुस्त नहीं हो जाती अनशन खत्म नहीं किया जाएगा। मातृशक्ति की ओर से शाति देवी, कुंती देवी, पुष्पा देवी, भगवती देवी, दीपा देवी, हेमा देवी, सरस्वती देवी व शाति बिष्ट भी बैठीं।
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