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दीवाली मनाकर कार्यस्थलों को लौटने लगे नौकरीपेशा लोग

दीपावली का त्योहार मनाकर नौकरीपेशा स्थानीय लोग अब मैदानी शहरों में स्थित अपने कार्यस्थल की ओर लौटने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 10:12 PM (IST)
दीवाली मनाकर कार्यस्थलों को लौटने लगे नौकरीपेशा लोग
दीवाली मनाकर कार्यस्थलों को लौटने लगे नौकरीपेशा लोग

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : दीपावली का त्योहार मनाकर नौकरीपेशा स्थानीय लोग अब मैदानी शहरों में स्थित अपने-अपने कार्यस्थलों को लौटने लगे हैं। हालांकि सोमवार सुबह के वक्त कम ही संख्या में लोग अपने कार्यस्थलों को रवाना हुए। दिन चढ़ने के साथ ही यह सिलसिला तेज होने लगा।

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दीपावली त्योहार मनाने अपने घर आए नौकरीपेशा लोग अब सोमवार से अपने-अपने कार्य स्थलों को लौटने लगे हैं। इसके चलते अल्मोड़ा की माल रोड व बस स्टेशनों में अन्य दिनों की अपेक्षा रौनक बढ़ने लगी है। इस बार कोरोनाकाल के चलते बसों में यात्रियों की भीड़ कम है, यात्रियों को आसानी से बसों में सीट उपलब्ध हो रही है। इधर जिले के आंतरिक मार्गो के पनुवानौला, ध्याड़ी, खेती, चलनीछीना, भनोली व ध्याड़ी क्षेत्रों के यात्रियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में रोडवेज व केमू की बसों का संचालन कम होने से यात्री महंगा किराया देकर अपने-अपने गंतव्य को रवाना हो रहे हैं।

सोमवार की सुबह छह बजे से आठ बजे तक संचालित अल्मोड़ा-दिल्ली में 10, अटपेसिया में आठ, देहरादून में 10 तथा हरिद्वार सेवा में महज 10 यात्री रवाना हुए। स्टेशन इंचार्ज केसी जोशी ने बताया कि दिन व शाम को यात्रियों की संख्या बढ़ने के आसार है, कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो मैदानी क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन किया जाएगा।

इधर दूसरी ओर रोडवेज कर्मियों को पिछले चार माह के वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। जिससे कर्मचारियों को कोरोनाकाल में आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि जल्द वेतन भुगतान की दिशा में कारगर उपाय नहीं किए गए तो संगठन आंदोलन को बाध्य होगा। कहा कि कर्मचारियों के हितों की अनदेखी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संगठन के शाखा अध्यक्ष गोविंद प्रसाद टम्टा का कहना है कि वेतन भुगतान देर से होने के कारण सबसे ज्यादा समस्या का सामना यहां किराए के कमरों में रह रहे कर्मचारियों को करना पड़ रहा है। संघ अपनी हर बैठकों में हर माह के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान की मांग उठाता रहा है, इसके बाद भी कार्मिकों की कोई सुध नहीं ली जा रही है, इससे कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने वेतन भुगतान के लिए जल्द कारगर उपाय करने की मांग की है।


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