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पानी के लिए ताड़ीखेत में अनशन पर बैठे संघर्ष समिति के लोग

ताड़ीखेत में पेयजल संकट से परेशान कस्बे वालों का धैर्य टूट गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 10:01 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 10:01 PM (IST)
पानी के लिए ताड़ीखेत में अनशन पर बैठे संघर्ष समिति के लोग

संसू, ताड़ीखेत : पेयजल संकट से परेशान कस्बे वालों का धैर्य टूट गया। अनशन की चेतावनी के बावजूद जलापूर्ति में सुधार न हुआ तो संघर्ष समिति के पदाधिकारी क्रमिक अनशन पर बैठ गए। उन्होंने विभाग व प्रशासन पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया।

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ब्लॉक मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था लड़खड़ा जाने से ग्रामीणों का पारा चढ़ गया। पूर्व में संयुक्त संयुक्त मजिस्ट्रेट व जल संस्थान के अधिकारियों को पत्र लिख समस्याएं गिनाई गई थी। कोई ध्यान न दिए जाने पर मंगलवार को समिति के पदाधिकारी व सदस्य क्त्रमिक अनशन पर बैठ गए। उनका कहना था कि क्षेत्र में पेयजल किल्लत लगातार बढ़ रही है। मगर विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों ने दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द ठोस कदम न उठाए तो आदोलन और तेज किया जाएगा। पहले दिन संघर्ष समिति अध्यक्ष गोपाल सिंह अधिकारी, ग्राम प्रधान मंजीत भगत व चंद्रभानु सिंह मेहरा क्त्रमिक अनशन पर बैठे। इस मौके पर दीपक जोशी, अनूप गोसाई, बिशन सिंह रौतेला, नरेंद्र लाल, चंदन बिष्ट, गिरधर खाती, दीपक, दीपेंद्र कुमार, प्रमोद रावत आदि मौजूद रहे।

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कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान व सटे गांवों में सूखने लगे हलक

= 90 के दशक में बनी योजना का जीर्णोद्धार न होने से हालात बिगड़े

= ग्रामीणों ने दी सड़क पर उतरने की चेतावनी संस, द्वाराहाट: बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान (बीटीकेआइटी) तथा समीपवर्ती गावों के लिए बनी पेयजल योजना बेदम होने लगी है। इससे पेयजल किल्लत बढ़ गई है। मांग व आपूर्ति का गणित बिगड़ने से लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है।

1996-97 में गगास नदी से बीटीकेआइटी तथा समीपवर्ती गावों के लिए पंपिंग योजना बनी थी। करीब 18 किमी लंबी योजना का पुनर्गठन न होने से जर्जर हालत में पहुंच गई है। जनांदोलन के बाद पाइप बदलने का निर्णय लिया गया। मगर कुछ नहीं हुआ। डढोली, भौंरा, मायापुरी, धरमगाव आदि संकटकाल से गुजर रहे हैं। ग्रामीणों ने योजना के उद्धार की मांग कई बार उठाई पर विभाग बेपरवाह रहा। ऐसे में सोलर हैंडपंप व अन्य स्त्रोतों से काम चलाया जा रहा। इधर जलापूर्ति बाधित होने से गुस्साए ग्रामीणों ने व्यवस्था न सुधरने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इसी सिलसिले में चंदन नेगी, मनोज अधिकारी, बीरेंद्र बजेठा के अतिरिक्त भूपाल बजेठा, मोहन गोस्वामी, ललित कुमार, पुष्पा बजेठा, रजनी बजेठा, उमा बिष्ट, प्रताप गिरि आदि ने सीडीओ को ज्ञापन भी भेजा है।


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