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ओ न्यौति कै बुलायो भै ओ नंदा माई..

संवाद सहयोगी चौखुटिया देवभूमि उत्तराखंड में मां नंदा को आराध्य कुल देवी माना जाता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 06:08 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 08:20 AM (IST)
ओ न्यौति कै बुलायो भै ओ नंदा माई..

संवाद सहयोगी, चौखुटिया : देवभूमि उत्तराखंड में मां नंदा को आराध्य कुल देवी माना जाता है। यहां स्थान-स्थान पर मां-नंदा देवी पूजन मेलों के आयोजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जो लोगों के अटूट आस्था व श्रद्धा से जुड़े हैं। यहां रंगीली गेवाड़ की धरती में बसे कोटयूडृा-जाबर-ताल में हर वर्ष मां नंदा पूजन मेला मनाने की परंपरा है। मेले का शुभारंभ मंगलवार को मां का बार भरने के साथ हुआ। इस दौरान-ओ न्यौति कै बुलायो भै ओ नंदा माई..जैसे नंदा गीतों से माहौल भक्तिमय हो उठा।

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पूजन मेला सुबह मुख्य ड्योडी टेड़ागांव में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ गणेश पूजन व मां का बार भरने के साथ हुआ। इस दौरान मां की विशेष पूजा-अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण व शंखध्वनि के बीच अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की गई। परंपरा के अनुसार दिन में तड़ागताल के नौगांव, न्यौनी, पैली व कोट्यूड़ा से मां नंदा समेत अन्य देव डंगरिए गाजे-बाजे के साथ मुख्य ड्योडी में पहुंचे। जहां मां नंदा के आह्वान गीतों के साथ डंगरियों ने देव दर्शन देकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। आयोजन स्थल पर दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे।

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देव डेगरियों को दूध से कराया गया स्नान

मुख्य ड्योडी टेड़ागांव में विधि-विधान से आमंत्रित देव डंगरियों को दूध व पानी से स्नान कराया गया। इस दौरान मां नंदा समेत अन्य देव डंगरियों ने चारों दिशाओं को चावल उछालकर लोगों की सुख समृद्धि की कामना की तथा अवतरित होकर बारी बारी से धूनी की परिक्रमा की। नौ लाख कत्यूरी देवताओं ने भी दर्शन दिए। अंत में प्रसाद वितरण के बाद संयोजक कुबेर सिंह कठायत ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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देव डंगरिए के रूप में इन्होंने ने दिए दर्शन

मां नंदा के रूप में राजेंद्र सिंह पैलिया, लाटू देवता-बलवंत सिंह नेगी, हीत-हरी राम आर्य, रांचू-मदन सिंह व मोहन सिंह, देवा-नंदन सिंह व तडागेश्वर के रूप दलीप सिंह ने दर्शन दिए।

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सभी डयोडियों में होगा रात्रि जागरण

मां नंदा देवी पूजन मेला लोगों की अटूट धार्मिक भावनाओं को समेटे हुए है। पूजन कार्यक्रम में श्रद्धालु पूरे श्रद्धाभाव से भागीदारी निभाते हैं। मेला पूरे सात दिन तक चलता है। इस दौरान सभी ड्योडियों में रात को अलग अलग पहरों में देवी जागरण गीत गाए जाने का रिवाज है तथा देवताओं का भी अवतरण होता है।

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एक नजर पूजन मेले के कार्यक्रमों पर

=30 अगस्त-न्यौनी गांव में मां नंदा समेत सभी देवताओं को दिया जाएगा न्यौता।

=31 अगस्त-न्यौनी, पैली, नौगांव, कोट्यूड़ा होते हुए देव डंगरिए व जगरिए टेड़ागांव पहुंचेंगे।

=1 सितंबर-बगड़ी में रात्रि मेला व केला आमंत्रण।

=2 अगस्त-जमराड़ बगड़ी गांव से केला जाबर ले जाया जाएगा तथा रात का मेला लगेगा।

=3 सितंबर-मूर्ति का विसर्जन व भंडारा कार्यक्रम।


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