मुंबइया प्रवासियों को रास नहीं आ रहा कमरों में रहना
एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना से लगातार जंग और दूसरी ओर प्रवासी कमरों में रहना पसंद नहीं कर रहे हैं।
जागरण टीम, अल्मोड़ा/ रानीखेत : एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना से लगातार जंग। दूसरी तरफ तमाम चुनौतियां। सुदूर गांवों में क्वारंटाइन केंद्रों में प्रवासियों की जान खतरे में पड़ रही। जो क्वारंटाइन सेंटर सुविधा संपन्न हैं, वहां प्रवासी नियम तोड़ संक्रमण बढ़ाने जैसा कदम उठा रहे हैं। जिला मुख्यालय में रिहायशी इलाके के ठीक बीच में एक होटल में बने क्वारंटाइन सेंटर से मध्य रात्रि बाद ठाणे (मुंबई) से लौटे प्रवासी आवासी कॉलोनी में चहल कदमी करते रहे। उधर, टीआरसी काकड़ीघाट में भी मुंबई व बंगलुरु से लौटे प्रवासी भोजन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर गैलरी में जमा हो गए। वहां मुस्तैद फार्मासिस्ट ने अभद्रता का आरोप लगाया है।
शहर के बीचो-बीच चौघानपाटा से लगे होटल में बेहतर सुविधा के मकसद से संस्थागत क्वारंटाइन किए गए मुंबई के प्रवासी आस-पास का माहौल अशांत करने लगे हैं। बीती सोमवार की मध्यरात्रि संस्थागत क्वारंटाइन किए गए प्रवासी कमरों से बाहर निकल आवासीय परिसर में इधर-उधर घूमते रहे। उधर क्लब महिद्रा, जीआइसी में भी बाहर निकलने के मामले सामने आए हैं।
उधर, टीआरसी काकड़ीघाट में हालात और खराब रहे। वहां संस्थागत क्वारंटाइन किए प्रवासी बाहर गैलरी में निकल आए। स्वास्थ्य परीक्षण को वहां तैनात एक फार्मासिस्ट पर भोजन की गुणवत्ता में सुधार का दबाव बनाने लगे। पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रवासियों की सेवा में जुटे विवेकानंद सेवा समिति अध्यक्ष हरीश सिंह परिहार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
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रिहायशी क्षेत्र से दूर हो सेंटर
चौघाटनपाटा के पास संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर के मामले में जिला पंचायत परिसर में रहने वाले परिवारों व दो तीन मोहल्ले वाले कड़ी आपत्ति जताते आ रहे। जिपं अध्यक्ष उमा सिंह बिष्ट को ज्ञापन दे क्वारंटाइन सेंटर को रिहायशी इलाके से दूर अन्यत्र शिफ्ट कराने की मांग भी की थी।
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'संस्थागत हों या होम क्वारंटाइन, कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए नियमों का पालन करना ही होगा। खुद की सुरक्षा के साथ औरों की हिफाजत भी करें। मनमानी कतई बर्दास्त नहीं करेंगे। क्वारंटाइन सेंटर्स से बाहर निकलना गंभीर है। कड़ी कार्रवाई अमल में लाएंगे। पुलिस गश्त और बढ़ाएंगे।
- प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी अल्मोड़ा'
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'मामला संज्ञान में आया है। मुंबई से लौटे प्रवासी समस्या खड़ी कर रहे हैं, जो महासंकट की इस घड़ी में बिल्कुल ठीक नहीं है। जरूरत पड़ी तो बेवजह अफवाह फैलाने व कमरों से बाहर निकलने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करानी पड़ेगी।
- सीमा विश्वकर्मा, एसडीएम'
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'कोरोना को हराने के लिए सावधानी के साथ धैर्य रखना जरूरी है। टीआरसी काकड़ीघाट में स्वास्थ्य विभाग की टीम दिनरात मुस्तैदी से जुटी है, लेकिन प्रवासियों का व्यवहार व गैलरी तक निकल आना निंदनीय है। उन्हें खुद के साथ ड्यूटी में लगे कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा का भी खयाल रखना चाहिए।
- हरीश सिंह परिहार, अध्यक्ष विवेकानंद सेवा समिति काकड़ीघाट शाखा'