मां नंदा सुनंदा की विदाई में भक्ति व भावना का ज्वार
संवाद सहयोगी, रानीखेत : छह दिन मायके में विराजी देवभूमि की आराध्य देवी मा नंदा एवं सुनंदा को
संवाद सहयोगी, रानीखेत : छह दिन मायके में विराजी देवभूमि की आराध्य देवी मा नंदा एवं सुनंदा को भक्तिमय माहौल में भावुक पलों के बीच कैलाश को विदाई दी गई। आस्था के सैलाब ने अगले बरस फिर मिलने का वादा कर देवी बहिनों को अक्षत एवं पुष्प वर्षा कर विदा किया। इस दौरान उत्तराखंड के पारंपरिक ढोल की घमक, नगाडे़ की टंकार व रणसिंहा की वीर रस से भरी गर्जना ने महोत्सव में चार चांद लगाए। वहीं विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने लोक संस्कृति व गौरवशाली परंपरा का दीदार कराया।
सांस्कृतिक व पर्यटन नगरी में बुधवार को ऐतिहासिक मां नंदा महोत्सव पर आराध्य देवी बहिनों की पवित्र डोली की शोभायात्रा निकाली गई। विदाई के इन पलों में भक्ति व भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। मां नंदा देवी मंदिर परिसर से शोभायात्रा जरूरी बाजार, द्योलीखेत, विजय चौक, सदर बाजार से गांधी व सुभाष चौक होकर गुजरी। 'जय मा नंदा सुनंदा' के जयकारों के बीच जगह जगह आराध्य देवियों का पुष्प व अक्षत वर्षा से स्वागत किया गया। जवाहर नवोदय विद्यालय ताड़ीखेत के बच्चों का छलिया नृत्य व एनआइसी की नंदा राजजात यात्रा की झांकी खास आकर्षण रही।
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कारसेवकों ने बांटा प्रसाद
मां नंदा एवं सुनंदा की पवित्र डोली के दर्शन को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। प्रसाद वितरण भी किया गया। समिति अध्यक्ष हरीश लाल साह, हीरा रावत, दीपक पंत, ललित साह, भूपेंद्र सिंह रावत, किरन साह, एलएम चंद्रा, पंकज साह, भुवन सती, कौशल साह, बीसी साह, संतोष साह, अजय बबली, मनोज रावत, कुमुद साह, जयंत रौतेला आदि ने कारसेवा की।