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करंट ने छिना मासूम के सिर से मां का आंचल

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : कपड़े धोकर छत पर सुखाने गई विवाहिता 11 हजार वोल्ट की

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 09:54 PM (IST)
करंट ने छिना मासूम के सिर से मां का आंचल
करंट ने छिना मासूम के सिर से मां का आंचल

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : कपड़े धोकर छत पर सुखाने गई विवाहिता 11 हजार वोल्ट की हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गई। करंट लगने से महिला छिटक कर छत की रेलिंग से जा टकराई। उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसे में एक साल के मासूम बच्चे के सिर से मां का आंचल उठ गया तो वहीं दिवाली पर परिवार की खुशियां मातम में बदल गई।

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दिल दहला देने वाला वाकया कस्बे से लगे खंडाखाल क्षेत्र का है। मूल रूप से नाफड़ा गाव के बिशौना तोक (ताड़ीखेत ब्लॉक) निवासी भास्कर सिंह बिष्ट कुमाऊं पब्लिक स्कूल (केपीएस) में चतुर्थ श्रेणी कर्मी है। मंगलवार सुबह उसकी पत्‍‌नी गीता (23) विद्यालय परिसर के तीसरे माले पर बने आवास की छत पर गीले कपड़े डालने के लिए गई। उसने रेलिंग से चादर फैलाई जो कुछ ही नीचे से गुजर रही हाइटेंशन लाइन से जा टकराई। तभी करंट दौड़ गया और गीता चपेट में आ गई। कुछ देर छटपटाने के बाद वह तेज झटके के साथ पास ही बने टिनशेड पर जा गिरी। करंट व सिर में गंभीर अंदरूनी चोट के कारण विवाहिता की मौके पर ही मौत हो गई।

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छत पर गिरी तो बाहर निकली बुआ

विवाहिता गीता की नावली गांव निवासी बुआ भागुली देवी त्योहार पर मिलने के लिए यहां आई थी। हादसे के दौरान वह रसोई में रोटी बना रही थीं। टिनशेड पर कोई भारी चीज गिरने की आवाज आई तो वह घबरा कर बाहर की ओर दौड़ी। वहां मंजर देख उसकी चीख निकल पड़ी। गीता बेसुध पड़ी। पति भास्कर ने पड़ोसियों की मदद से उसे हिलाया डुलाया पर वह दम तोड़ चुकी थी।

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हंसी खुशी गांव जाने की कर रहे थे तैयारी

गीता की बुआ भागुली ने नाश्ता कर अपने गांव नावली जबकि महिला व उसके पति ने अपने एक वर्षीय पुत्र को लेकर बिशौला स्थित पैतृक गांव जाना था। हंसी खुशी सब काम निपटाने में लगे थे। असम राइफल में तैनात मृतका के ससुर शिवराज सिंह बिष्ट भी दिवाली के मद्देनजर बीते रोज ही रानीखेत पहुंचे थे। मगर नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। गीता को अहसास ही न था कि जिस छत पर वह कपड़े डालने जा रही है, वहां मौत उसका इंतजार कर रही।

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पोस्टमार्टम को दर दर भटकते रहे

शव के पोस्टमार्टम को मृतका के परिजन दर दर भटकते रहे। उपमंडल के सबसे बड़े नागरिक चिकित्सालय में चिकित्सक न मिलने से ग्रामीण परेशान रहे। ऐसे में परिजन शव लेकर घंटे भर तक शवविच्छेदन गृह के बाहर डॉक्टर के इंतजार में बैठे रहे।

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'घटना दुखद है। मृतका के परिजनों को मुआवजा दिलाया जाएगा। छत के नीचे से हाइटेंशन लाइन किन परिस्थितियों में गुजर रही है, गहन जाच कराएंगे।

-प्रमोद कुमार, अधिशासी अभियंता'


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