मनीष व लोकेश की दोस्ती को लगी काल की नजर
भाजयुमो के पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी मनीष व उसके दोस्त की असमय मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर थी। दोंनों की दोस्ती को एक सप्ताह भी नहीं हुआ था और वह काल के क्रूर हाथों में समा गए।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : भाजयुमो के पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी मनीष व उसके दोस्त की असमय मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर थी। दोंनों की दोस्ती को एक सप्ताह भी नहीं हुआ था और वह काल के क्रूर हाथों में समा गए। शुक्रवार की देर रात रुद्रपुर में दोनों की रेलवे ट्रेक में ट्रेन की चपेट आकर मौत हो गई थी। घर वालों को तो उनकी दोस्ती तक के बारे में पता नहीं था।
मुख्यालय स्थित सरकार की आली निवासी मनीष कुमार (25 वर्ष) पुत्र कृपाल राम शुक्रवार की सुबह हल्द्वानी को निकला। उसने घर में इसकी जानकारी केवल अपनी दीदी को दी थी। दीदी को भी हल्द्वानी जाने की वजह उसने नहीं बताई। रात करीब साढ़े आठ बजे मनीष ने दीदी को फोन करके बताया कि वह रामपुर अपने दोस्त के साथ है। रात में साढ़े 11 बजे रुद्रपुर से पुलिस ने स्वजनों को दूरभाष के माध्यम से मनीष के ट्रेन की चपेट में आकर घायल होने की सूचना दी। सुबह पिता कृपाल पड़ोसियों के साथ रुद्रपुर के लिए रवाना हुए। बाद में उन्हें बेटे की मौत का पता चला।
दूसरे मृतक लोकेश तिवारी (35 वर्ष) पुत्र दिनेश चंद्र तिवारी निवासी एडम्स स्कूल के घर में सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके पड़ोसियों ने बताया कि रुद्रपुर में मकान बनाने के बाद से उनका परिवार वहीं रहता है। कभी-कभी ही वह आते हैं। पड़ोसियों ने बताया कि कुछ दिनों से लोकेश अल्मोड़ा में ही था। दोनों दोस्तों के एक साथ ही रुद्रपुर जाने की संभावना जताई जा रही है। चार भाई-बहनों से सबसे छोटा था मनीष
नगर से लगे सरकार की आली निवासी मृतक मनीष के पिता कृपाल राम अल्मोड़ा वन विभाग में कार्यरत हैं। मनीष चार भाई-बहनों में सबसे छोटा था। मनीष ने 2020 में अल्मोड़ा से ही आइटीआई उत्तीर्ण की। पोस्टमार्टम के बाद उसका शव मुख्यालय लाया जाएगा। यहीं उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। घर में शोक की लहर है। भाजयुमो का पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी था मनीष
सरकार की आली निवासी मनीष अपने दोस्तों के साथ राजनीति गतिविधियों में भी आगे रहते थे। स्वजनों ने बताया कि वह भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी रहे हैं। उनकी सामाजिक गतिविधियों को देखते हुए वह उसको क्षेत्र में सभी जानते थे। इस बार भी उन्हें भाजयुमो में पदाधिकारी बनाए जाने की योजना थी।
इकलौता लोकेश घर में था सबसे लाडला
मृतक लोकेश के पिता दिनेश तिवारी जल निगम से सेवानिवृत्त हैं। दिनेश तिवारी के तीन लड़कियां और एक लड़का लोकेश है। लोकेश की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। सेवानिवृत्ति के बाद दिनेश अपने बच्चों के साथ रुद्रपुर में ही रह रहे थे। उधर लोकेश के पड़ोसियों और किराएदारों को भी उसकी मौत की जानकारी नहीं थी। लोकेश का अंतिम संस्कार रुद्रपुर में ही किया जाएगा।