Move to Jagran APP

महानदी गंगा की सहायक मलिया नदी गंदगी से बेजार

संवाद सहयोगी, रानीखेत : एक ओर 'नमामी गंगे' मुहिम के जरिये महानदी गंगा की अविरलता व निम

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 07:12 AM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 07:12 AM (IST)
महानदी गंगा की सहायक मलिया नदी गंदगी से बेजार
महानदी गंगा की सहायक मलिया नदी गंदगी से बेजार

संवाद सहयोगी, रानीखेत : एक ओर 'नमामी गंगे' मुहिम के जरिये महानदी गंगा की अविरलता व निर्मलता को हजारों करोड़ रुपये का खर्च। दूसरी तरफ मैदान में गंगा सरीखी महानदियों को सींचने वाली पहाड़ की गैरहिमानी सहायक नदियां प्रदूषण से बेजार हैं। छोटी समझी जाने वाली इन सरिताओं के संरक्षण को ठोस नीति या योजना न बनाए जाने का ही नतीजा है कि लाख कोशिशों के बावजूद गंदगी से बेहाल नदियां विषैली होती जा रही।

loksabha election banner

दरअसल, नदियों की प्रदूषण मुक्ति को सरकारें तमाम दलीलें व दावे करती आ रही। अभियानों के नाम पर मोटा बजट भी बहाया जा रहा। मगर पहाड़ों से निकल कर मैदान में बड़ी नदियों को जीवनदान देने वाली यही गैरहिमानी सहायक नदियां तंत्र की उपेक्षा व आसपास बसे लोगों की संवेदनहीनता से भीषण प्रदूषण से कराह रही। पवित्र मलिया नदी की बेकद्री इसकी बानगी भर है, जो गगास की सहायक नदी और पश्चिमी रामगंगा में मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में महानदी गंगा से मिलती है।

===================

कुंवाली बाजार में पवित्र नदी बेहाल

जीवनदायिनी कोसी के उद्गम स्थल धार पानी धार के निचले भूभाग स्थित एड़ाद्यो की पहाड़ी से निकलने वाली गगास की सहायक मलिया नदी कुंवाली बाजार में बेकद्री व संवेदनहीनता का दंश झेल रही है। आलम यह है कि प्राचीन पीपलेश्वर महादेव मंदिर से पूर्व धार्मिक महत्व वाली नदी में कूड़े कचरे का ढेर ही नहीं गिराया जाता। बल्कि घरों व ढाबों का गंदा पानी मलिया को और मैला कर रहा।

=============

आस्था पर भारी न पड़ जाए जलजनित रोग

बाजार में गंदगी से बजबजा रही मलिया नदी आस्था से भी जुड़ी है। पास ही पीपलेश्वर महादेव मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान खासतौर पर महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु इसी नदी के दूषित पानी से आचमन भी करते हैं। ऐसे में जलजनित रोगों का खतरा भी बढ़ रहा।

=============

स्वच्छ भारत अभियान को पलीता

कुंवाली में मलिया नदी में कचरे के ढेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ा रहे। इसे विडंबना ही कहेंगे कि केंद्र सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारे जाने का दावा करने वाले केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा व राज्य मंत्री रेखा आर्या की विधानसभा में नदी खुद के उद्धार की बाट जोह रही।

=============

'मौका मुआयना कर नदी क्षेत्र का जायजा लिया जाएगा। स्थानीय लोगों को जागरूक करेंगे ताकि जनसहयोग के जरिये नदी को प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके। नदी की साफ सफाई के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे।

- गौरव चटवाल, एसडीएम'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.