Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2024 Voting: पीएम मोदी के ‘मन की बात’ के मॉडल गांव वालों ने नहीं डाला वोट, धरने पर बैठे

Lok Sabha Election 2024 Voting प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का माडल गांव सुनियाकोट के मतदाता बूथ तक नहीं पहुंचे। वर्ष 2020 में नौगांव पुनौरा रोड से जोड़ सुनियाकोट से कोटुली तक चार किमी सड़क स्वीकृत हुई थी। ब्लाक स्तर से जल्दबाजी में सड़क कटान शुरू तो किया गया लेकिन आधी अधूरी छोड़ परेशानी में डाल दिया गया।

By deep bora Edited By: Nirmala Bohra Published: Sat, 20 Apr 2024 01:45 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2024 01:45 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024 Voting: सड़क सुख नहीं मिलने व लगातार उपेक्षा से त्रस्त होकर लिया निर्णय

संस, जागरण रानीखेत : Lok Sabha Election 2024 Voting: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात के माडल गांव सुनियाकोट के मतदाता बूथ तक नहीं पहुंचे। गांव को सड़क सुविधा न मिलने से नाराज ग्रामीणों ने पहले ही चुनाव में हिस्सा न लेने का एलान कर दिया था।

loksabha election banner

मगर संयुक्त मजिस्ट्रेट के हस्तक्षेप पर नोटा दबाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन अंतिम चरण में ग्रामीणों की पंचायत में वोट न डालने का जो मन बनाया गया, उस पर मतदाता कायम रहे। मतदान के बजाय उन्होंने धरना दिया। प्रधान ने दावा किया कि गांव के 190 मतदाताओं ने मतदान नहीं किया।

यह भी पढ़ें- Uttarakhand Lok Sabha Election 2024 Voting: उत्तराखंड के सबसे ऊंचे पोलिंग बूथ पर मतदान शुरू, अलग-अलग रंगों से सजाए केंद्र

वर्ष 2020 में नौगांव पुनौरा रोड से जोड़ सुनियाकोट से कोटुली तक चार किमी सड़क स्वीकृत हुई थी। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह परिहार ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ब्लाक स्तर से जल्दबाजी में सड़क कटान शुरू किया गया, लेकिन आधी अधूरी छोड़ परेशानी में डाल दिया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सड़क निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन कोई प्रगति न हो सकी। इसी से खिन्न होकर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव से खुद को दूर रखने का एलान कर दिया था। इसी के मद्देनजर बीती दो अप्रैल को संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल खुद सुनियाकोट गांव पहुंची थी। प्राथमिक विद्यालय में बैठक बुलाई गई।

संयुक्त मजिस्ट्रेट ने भरोसा दिलाया कि आचार संहिता हटते ही सड़क निर्माण शुरू कराने के भरसक प्रयास किए जाएंगे। तब ग्रामीणों ने एक सुर से मतदान में हिस्सा लेने का मन बना लिया। साथ ही यह भी तय हुआ कि मतदाता राजनेताओं से त्रस्त होकर नोटा दबाएंगे।

इधर शुक्रवार को मतदान वाले दिन नया मोड़ आ गया। ग्राम प्रधान नीमा देवी व पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि सुनियाकोट का एक भी उपेक्षित मतदाता बूथ तक नहीं पहुंचा। सुनियाकोट में करीब 190 मतदाता हैं।

ग्राम प्रधान नीमा देवी ने यह भी बताया कि सड़क के लिए अरसे से मुद्दा उठाते आ रहे इसी ग्राम पंचायत के कोटुली व सौनी गांव के मतदाताओं ने चुनाव में तो हिस्सा लिया लेकिन अधिकांश ने नोटा दबाया। सुनियाकोट प्राथमिक विद्यालय में सुनियाकोट के साथ ही सिरोली व ऊखीना गांव का बूथ है। वहीं संयुक्त मजिस्ट्रेट मतदान के लिए पूरा जोर लगाए रहीं।

चंदा व श्रमदान से बनाई पेयजल योजना तो दिल्ली तक हुई चर्चा

वर्ष 2019 में सुनियाकोट के ग्रामीणों ने पेयजल संकट से निपटने को युक्ति बनाई। बाहरी राज्यों में नौकरी कर रहे अथवा बस चुके गांववासियों ने अंशदान का मन बनाया। तय हुआ कि बगैर सरकारी सहायता के ही पेयजल योजना बनाई जाएगी। इसके लिए आपस में सामर्थ्य के अनुसार चंदा जुटाया गया।

करीब 42 हजार रुपये का पंप खरीदा गया। डेढ़ किमी दूर स्रोत से योजना के निर्माण को बच्चों से लेकर बड़े और महिलाओं ने श्रमदान कर सरिया, रोड़ी, रेता बजरी ढोकर श्रमदान में हाथ बंटाया। कुछ ही दिन में योजना बन गई और तलहटी से शिखर की ओर पानी पहुंचा दिया गया।

यह भी पढ़ें- Uttarakhand Lok Sabha Election: गढ़वाल सीट पर घटा मतदान प्रतिशत, चिंता में राजनीतिक दल; देखें आंकड़े

‘दैनिक जागरण’ में खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद सुनियाकोट देहरादून ही नहीं, दिल्ली तक चर्चाओं में आ गया। जनवरी 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ताड़ीखेत ब्लाक के सुनियाकोट का जिक्र कर ग्रामीणों के हौसले, श्रमदान और योजना बनाने की तरकीब की तारीफ की। मगर राज्य सरकार गांव को सड़क सुख न दे सकी।

रानीखेत संघर्ष समिति भी मतदान से दूर

रानीखेत संघर्ष समिति के संयोजक मंडल ने भी मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। पूर्व में की गई घोषणा पर अमल करते हुए संयोजक मंडल के सदस्य व उनके स्वजन समेत करीब सौ मतदाता अपने बूथों तक पहुंचे ही नहीं। समिति के खजान चंद्र पांडे के अनुसार कैंट के सिविल क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल किए जाने को बीते वर्ष से आंदोलन चलाया जा रहा है। मगर कोई सुनवाई न होने से मतदान में हिस्सा न लेने का निर्णय लिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.