वन विभाग के रवैए से लीसा ठेकेदार आक्रोशित
रानीखेत में वन विभाग की कार्यप्रणाली से लीसा ठेकेदार आक्रोशित।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : वन विभाग की कार्यप्रणाली भी अजब गजब है। दस दिन पूर्व जिस लीसे की नीलामी 6150 रुपये वाली रद्द कर दी गई उसी लीसे को विभाग ने 5300 रुपये में बेचकर ठेकेदारों व सरकार को लाखों का चूना लगा दिया। विभाग की इस कार्यप्रणाली पर नाप लीसा ठेकेदारों ने रोष जताया है। उन्होंने नीलामी को रद्द कर पुराने रेट दिए जाने की माग की है। चेतावनी दी ठेकेदारों का उत्पीड़न किया गया तो आदोलन करने को बाध्य होंगे।
नाप लीसा ठेकेदार संघ ने विभाग पर आर्थिक नुकसान लगाने का आरोप लगाया है। संघ ने कहा कि बीते 23 सितम्बर को जिस लीसे की नीलामी बोली 6150 प्रति कुंतल रुपये में रद्द कर दी गई थी, उसे विभागीय अधिकारियों ने दस दिन बाद 5300 रुपये में बेच दिया। संघ के सदस्यों का कहना है कि विभाग का यह रवैया समझ से परे है। 10 दिन बाद कि गई नीलामी से जहां ठेकेदारों को करीब 850 रुपये प्रति कुंतल नुकसान उठाना पड़ा है, वही सरकार को भी लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। कहा कि एक ओर विभाग पिछले पाच वर्ष से नाप लीसे का भुगतान नहीं कर रहा, वहीं लीसे को कम कीमत में बेचकर आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संघ के बाला दत्त जोशी, मनोज रावत, सुंदर नेगी, हेमंत सिंह, दीप काडपाल, पूरन सिंह बिष्ट, मोहन चंद्र, प्रताप सिंह, विजय सिंह, महेश डंगवाल, श्याम सिंह आदि ने चेतावनी दी की उनको पूर्व में लगाई कीमत 6150 प्रति कुंतल के हिसाब से भुगतान नहीं किया गया तो विभाग के खिलाफ आदोलन करने को बाध्य होंगे।