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हल्द्वानी हाईवे पर भौर्याबैंड में भूस्खलन

जागरण टीम, रानीखेत/ गरमपानी : पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बारिश ने भूगर्भीय लिहाज से अतिसं

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 11:00 PM (IST)
हल्द्वानी हाईवे पर भौर्याबैंड में भूस्खलन
हल्द्वानी हाईवे पर भौर्याबैंड में भूस्खलन

जागरण टीम, रानीखेत/ गरमपानी : पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बारिश ने भूगर्भीय लिहाज से अतिसंवेदनशील अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर जोखिम बढ़ा दिया है। पहले ही नाजुक दौर से गुजर रहे डेंजर जोन भौर्याबैंड व इससे सटी थुवा की पहाड़ी से जबर्दस्त भूस्खलन हो गया। बोल्डरों के साथ कई टन मलबा हाईवे पर आ गिरा। इससे करीब घंटा भर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप रहा।

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अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे के चौड़ीकरणर को भौर्याबैंड की पहाड़ी का जेसीबी से कटान किया गया है। बरसात में रुक रुक कर हो रहा भूस्खलन मानसून के लौटते वक्त हो रही बारिश में अब मुसीबत बनने लगा है। सोमवार को भौर्याबैंड व इसके समीप थुवा की पहाड़ी से बड़ा भूस्खलन हो गया। संयोग से उधर से गुजर रहे वाहन बोल्डरों व मलबे की चपेट में आने से बच गए। बहरहाल, राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया। एनएच कर्मियों ने जेसीबी की मदद से मलबा व बोल्डरों के टुकड़े हटाए तो खतरों का सफर फिर शुरू हुआ।

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उफनाए धनगढ़ी नाले में बही कार

= दोपहर तक बंद रहे विद्यालय समेत कई सरकारी संस्थान

फोटो : 24 आरकेटी पी 21 व पी 22

मानिला (रानीखेत): पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से मैदानी क्षेत्र में नदी नाले उफान पर आ गए। रामनगर हाईवे पर धनगढ़ी नाले को जबरन पार करने की जद्दोजहद में एक वैगनआर कार पानी के तेज बहाव में बह गई। हालांकि आसपास खड़े लोगों की मदद से कार सवार एक व्यक्ति को सुरक्षित निकाल लिया गया और बड़ा हादसा टल गया।

पहाड़ में लगातार बारिश ने उफान में आए धनगढ़ी नाले में बड़ा हादसा टल गया। नाले के उफान में आने से लोग दूसरे छोर पर पानी कम होने का इंतजार करते रहे। रामनगर से सल्ट ब्लॉक के मुख्यालय समेत दर्जनों विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाएं, बैंक के कर्मचारी के समय पर न पहुंचने के कारण कार्यालय दोपहर तक बंद रहे। जिस कारण विद्यार्थियों व आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिपं सदस्य नारायण सिंह रावत ने कहा कि बरसात के दिनों में अक्सर ऐसा ही होता है। शिक्षक शिक्षिकाएं पहले ही छुट्टी का प्रार्थना पत्र लिख विद्यालय में छोड़ जाते हैं। धनगढ़ी आदि नालों में फंसने के बाद उसी अर्जी से छुट्टी ले ली जाती है। उन्होंने ऐसे शिक्षकों का वेतन काटने की मांग की है।


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