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जांबाजों ने देश की आन, बान व शान की रक्षा को ली कसम

संवाद सहयोगी रानीखेत भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्या

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 05:43 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 05:43 PM (IST)
जांबाजों ने देश की आन, बान व शान की रक्षा को ली कसम
जांबाजों ने देश की आन, बान व शान की रक्षा को ली कसम

संवाद सहयोगी, रानीखेत : भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया है। 34 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान स्थित बहादुरगढ़ के द्वार से अंतिम पग भर 151 युवा भारतीय सेना का अंग बन गए। परेड के बाद इन नव सैनिकों ने धार्मिक ग्रंथ गीता को साक्षी मान देश की सुरक्षा को तत्पर रहने और जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च बलिदान देने की शपथ ली। मुख्य अतिथि कमांडेंट बिग्रेडियर जीएस राठौर ने कहा नए सैनिकों से रेजिमेंट व भारत माता की इज्जत पर कतई आंच न देने का आह्वान किया।

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भारतीय सेना को तीन थल सेनाध्यक्ष, देश का पहला परमवीर चक्र एवं अनगिनत सैनिक दे चुकी कुमाऊं रेजिमेंट मुख्यालय के गौरव का प्रतीक सोमनाथ मैदान शनिवार को एक बार फिर ऐतिहासिक पलों का गवाह बना। देशभक्ति व सेवा का जज्बा व जोश भरती केआरसी की बैंड धुन के बीच परेड कमांडर कैप्टन सुमुख एमएस के नेतृत्व में नौ माह का कठिन प्रशिक्षण ले विभिन्न राज्यों के 151 युवा नई उमंग, नई ऊर्जा व जोश के साथ भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने। मुख्य अतिथि कमांडेंट केआरसी ब्रिगेडियर गोविंद सिंह राठौड़ ने परेड का निरीक्षण किया। धर्मगुरूओं ने देश की आन, बान व शान की कसम दिलाई। प्रशिक्षण अवधि में अपनी अपनी कंपनी के लिए श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले रिक्रूट्स को कमांडेंट राठौड़ ने पदक प्रदान किए। संचालन सूबेदार रवींद्र सिंह व ऊषा नगरकोटी ने संयुक्त रूप से किया।

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ये रहे सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट्स

=बेस्ट इन रिटन : सिपाही भूपेंद्र यादव

=बेस्ट इन ड्रिल : सिपाही निखिल राणा

=बेस्ट इन बीपीईटी : सिपाही योगेश सिंह कार्की

=बेस्ट इन टीएसओईटी : सिपाही विक्रम सिंह

=ओवर ऑल बेस्ट : राकेश कांडपाल

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उत्तराखंड से सर्वाधिक 104 जांबाज

भारतीय सेना को मिले 151 नए जांबाजों में उत्तराखंड ने भारतीय सेना को सबसे ज्यादा 104 सैनिक दिए। इसके बाद उत्तर प्रदेश 12, हरियाणा व राजस्थान 14-14, मध्यप्रदेश 4, बिहार तथा आंध्रप्रदेश से एक-एक सैनिक कठिन प्रशिक्षण के बाद भारतीय सेना का अंग बना।

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परिजनों से मिल बांटी खुशी

कसम परेड के बाद सैनिकों ने अपने अपने परिजनों से मिलकर खुशी बांटी। बड़े बुर्जुगों का आशीर्वाद लिया और दोस्तों को गले लगाया। वहीं परेड के साक्षी बने माता पिता व परिजनों ने अपने अपने लाडलों को देश सेवा का आर्शीवाद दिया।

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ये रहे मौजूद

डिप्टी कमांडेंट कर्नल निखिल श्रीवास्तव, टीबीसी कर्नल केएस मिश्रा, मेजर सजल गुप्ता, सूबेदार सुंदर सिंह, सूबेदार महेश बिष्ट आदि।


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