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जगन्नाथ रथ यात्रा में उमड़ी आस्था की भीड़

संवाद सहयोगी, चौखुटिया: भटकोट के प्रयागेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भगवान जगन्नाथ महोत्सव

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 11:03 PM (IST)
जगन्नाथ रथ यात्रा में उमड़ी आस्था की भीड़
जगन्नाथ रथ यात्रा में उमड़ी आस्था की भीड़

संवाद सहयोगी, चौखुटिया: भटकोट के प्रयागेश्वर महादेव मंदिर परिसर में भगवान जगन्नाथ महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को निकाली गई रथ यात्रा में भक्तजनों की आस्था उमड़ आई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने रथ की रस्सी खींचकर भगवान जगन्नाथ के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा व आस्था जताई। इससे पूर्व मंदिर परिसर में भगवान जगन्नाथ की विशेष पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर हरिनाम भजनों ने ऐसा रंग जमाया कि श्रद्धालु भक्तिभाव में डूब गए।

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महोत्सव का आयोजन बीते कई वर्षो से अंतरराष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ की ओर से किया जा रहा है। इस वर्ष भी मंदिर परिसर में सुबह से ही चहल पहल शुरू हो गई। इस दौरान भगवान जगन्नाथ, बलदेव, सुभद्रा की मूर्तियों की सजावट की गई एवं पारंपरिक विधि विधान से उनका पूजन हुआ। बाद में बंगाल से आए कृष्ण सखा प्रभु ने जगन्नाथ की कथा सुनाते हुए उनकी महिमा व रथ यात्रा के महत्व का बखान किया। बताया कि जो भी श्रद्धालु भगन्नाथ मंदिर का दर्शन नहीं कर पाते, भगवान रथ पर आरूढ़ होकर लोगों को दर्शन देते हैं।

इसीलिए देश-विदेश में जगह जगह जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकाली जाती हैं। जिस प्रकार ब्रज की गोपियां रथ को स्वयं खींचकर वृंदावन लाए, उसी प्रकार हम सब मिलकर रस्सी को खींचकर धन्य के पात्र बन जाते हैं। दोपहर 1 बजे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व बहन सुभद्रा की आरती उतारी गई एवं भोग लगाने के बाद उन्हें रथ पर आरूढ़ किया गया। हरे कृष्णा-हरे रामा हरे हरे.के सुमधुर स्वरों के बीच रस्सी खींचकर यात्रा शुरू हुई, शुभारंभ विधायक महेश नेगी ने गोला फोड़कर किया, जो भटकोट, ढिकुली व खिरचौरा होते हुए पूरे बाजार में धूमी एवं 5 बजे अगनेरी मंदिर पहुंचकर भंडारे के साथ रथ यात्रा का समापन हुआ।

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भगवान को परोसे गए 56 भोग

पूजा-अर्चना के साथ ही अन्य देवी देवताओं की तरह भगवान जगन्नाथ को भोग लगाने की परंपरा है। जो काफी आकर्षक रहा। इस दौरान विधि विधान से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा को 56 प्रकार के व्यंजन तैयार कर भोग परोसे गए। इनमें खीर के साथ ही अन्य उत्कृष्ट व बेहतरीन पकवान, फल व मिठाई आदि शामिल थे।

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यात्रा में देश विदेश से ये भक्त हुए शामिल

भटकोट के प्रयागेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष जगन्नाथ महोत्सव का आयोजन होता है। स्थानीय स्तर पर इस्कान के गोबिंद दास इसका आयोजन करते हैं। महोत्सव में देश विदेश से दो दर्जन से अधिक भक्त शामिल हुए। इनमें स्पेन से गोपाल प्रभु, बंगाल-कृष्ण सखा, विंदावन-अभिराम प्रभु व विदुर प्रभु, नेपाल-लोकेशानंद स्वामी, बनारस-अंकित प्रभु, बंग्लादेश-गौरगुना मणी, उड़िसा-सुचित्रा प्रभु, हरियाणा-जोनी प्रभु व गबंगाल से विपुल प्रभु आदि शामिल रहे।

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वर्ष 2012 से हो रहा है जगन्नाथ उत्सव

जगन्नाथ रथ यात्रा मूल रूप से उडंीसा में निकाली जाती है। बंगाल में भी यह यात्रा प्रतिवर्ष पूरे श्रद्धाभाव से निकालने की परंपरा है। धीरे धीरे अस्कान के संस्थापक शील प्रभु पाद ने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए स्थान स्थान पर रथ यात्राएं निकालने की परंपरा शुरू की। उत्तराखंड में भी प्रतिवर्ष चौखुटिया के भटकोट मंदिर से जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है।


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