आतंकवाद के खिलाफ एकजुट दिखेगी भारत व अमेरिकी सेना
जागरण संवाददाता, रानीखेत : रक्षा सहयोग, सामरिक संबंधों की मजबूती व आतंकवाद की वैश्विक चुना
जागरण संवाददाता, रानीखेत : रक्षा सहयोग, सामरिक संबंधों की मजबूती व आतंकवाद की वैश्विक चुनौती से निपटने का संकल्प लेकर विश्व के दो बड़े गणतांत्रिक देश भारत और अमेरिका एक साल बाद फिर साथ होंगे। चौबटिया छावनी क्षेत्र में भारतीय सेना के गौरव 'गरुड़ डिवीजन' के मैदान में रविवार को राष्ट्रगान 'जन गण मन' व अमेरिकी 'द स्टार स्पेंगल्ड बैनर' की मोहक धुन पर फ्लैग मार्चपास्ट के साथ दोनों राष्ट्रों के बीच 14वें 'संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास-2018' का जोरदार आगाज होगा। इधर चौबटिया छावनी क्षेत्र पहुंचे यूएस आर्मी के सैन्य अधिकारी व जवानों ने दो दिन तक घने जंगलात से घिरे रानीखेत का मौसम, जलवायु व वातावरण के अनुकूल खुद को ढालने के बाद भारतीय जांबाजों के साथ युद्धाभ्यास के लिए मानसिक तौर पर तैयार कर लिया है।
'काउंटर इंसर्जेसी व काउंटर आतंकवाद' थीम पर संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास के शुभारंभ समारोह के लिए भारतीय सेना का गरुड़ मैदान तैयार कर लिया गया है। सैन्य परंपरा के मुताबिक ग्राउंड के मैत्रीद्वार से इंडो अमेरिकन फौज की संयुक्त मार्चपास्ट पूरी दुनिया को विश्व शांति एवं आतंकवाद के खात्मे को मिलकर कदम बढ़ाने का पैगाम देगी। माना जा रहा है कि दोनों लोकतांत्रिक देशों के प्रजातंत्र व अन्य पहलुओं के साथ ही वैश्विक चुनौती बन चुके आतंकवाद से निपटने में मील का पत्थर साबित होगा।
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इन पर रहेगा 'युद्ध अभ्यास' का फोकस
-सैन्य सूत्रों की मानें तो संयुक्त राष्ट्र (यूएनओ) के चार्टर अनुसार आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन, जवाबी एवं आतंकवाद विरोधी कार्रवाई -विश्व शांति स्थापना के लिए जरूरी कदम उठाना
-ब्रिगेड स्तर पर सामूहिक व तकनीकि युद्ध कौशल का प्रदर्शन
-स्टेट ऑफ द आर्ट इक्विपमेंट के तहत निगरानी, ट्रेकिंग, नजदीकी सैन्य युद्ध क विशेष हथियार, संचार उपकरण, विस्फोटक एवं आईडी डिटेक्टर का अभ्यास
-दोनों सैन्य दलों को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के अभियानों में सुविकसित तकनीकि ड्रिल में महारत हासिल करना
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पूर्व के युद्ध अभ्यासों के अनुभव साझा किए
पर्यावरण की दृष्टि से भी उमदा भारतीय सेना का चौबटिया छावनी क्षेत्र अमेरिकी सैन्य अधिकारियों व जवानों को खूब भा रहा। बीते वर्ष 2014, 2016 समेत तीन सैन्य अभ्यास में साथ रह चुके भारतीय व अमेरिकी सैनिकों ने एक दूसरे से पुराने अनुभव साझा किए। विभिन्न ऑपरेशन आदि पर गहन चर्चा के साथ पहाड़ के मौसम आदि की गहन जानकारी भी ली।
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दोनों देशों के 350-350 सैनिक लेंगे हिस्सा
पीआरओ (रक्षा मंत्रालय) कर्नल अमन आनंद के मुताबिक 16 से 29 सितंबर तक दो सप्ताह तक चलने वाले इस संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास में भारत व अमेरिकी सेना के लगभग 350-350 जांबाज हिस्सा लेंगे। अबकी अभ्यास की प्रगतिशील योजना बनाई गई है। इसके तहत शुरुआत एक दूसरे की संगठनात्मक संरचना, हथियार, उपकरण, आत्मविश्वास, प्रशिक्षण व सामरिक अभ्यास से परिचित हो सकेंगे। इसके बाद प्रशिक्षण संयुक्त सामरिक अभ्यासों के लिए आगे बढ़ता है जिसमें दोनों सेनाओं के युद्ध के अभ्यास सुसंगत रूप से मुक्त होते हैं। समापन दोनों देशों के सैनिक संयुक्त रूप से एक कल्पित लेकिन यथार्थवादी सेटिंग में आतंकवादियों के खिलाफ एक अभियान चला कर किया जाएगा। 'संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास-2018' एक डिवीजन मुख्यालय आधारित कमाड पोस्ट व्यायाम, एक इन्फैंट्री बटालियन को फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास के साथ दोनों देशों के विशेषज्ञ पारस्परिक हितों से जुड़े मुद्दों पर मंथन करेंगे। 'संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास' की पूर्व संध्या पर भारत व अमेरिकी सैनिकों ने परेड आदि की ड्रिल भी की।