शहीद की याद में आंखें नम तो सीना हो उठा चौड़ा
संवाद सहयोगी द्वाराहाट शौर्य चक्त्र विजेता शहीद चंदन सिंह भंडारी को उनकी 22वीं पुण्यतिथि पर याद
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : शौर्य चक्त्र विजेता शहीद चंदन सिंह भंडारी को उनकी 22वीं पुण्यतिथि पर याद किया गया। शहीद स्मारक बगवालीपोखर में भारतीय सेना के जवानों ने पुष्पचक्त्र चढ़ाए। पाइप बैंड की धुन तथा सास्कृतिक कार्यक्त्रमों के जरिये देशभक्ति की बयार बही। वक्ताओं ने चंदन की शहादत को याद कर उनके योगदान को अविश्वमरणीय बताया।
कुमाऊं रेजिमेंट के जवान व भंडरगाव के लाल चंदन भंडारी ने 19 मार्च 1997 में कश्मीर में चले ऑपरेशन के दौरान एक आतंकी को ढेर कर चार अन्य आतंकियों को दबोचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस कार्रवाई में गोली लगने से वह भी शहीद हो गए। इस अदम्य साहस के लिए उन्हें शौर्य चक्त्र प्रदान किया गया। मंगलवार को कुमाऊं रेजिमेंट की टुकड़ी तथा क्षेत्रवासियों ने पाइप बैंड की धुन पर बगवालीपोखर स्थित शहीद स्थल पर उनके स्मारक पर पुष्पचक्त्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित की। मौके पर दीक्षा विद्यालय तथा डीपीएमआई के विद्यार्थियों ने देशभक्ति पर आधारित सास्कृतिक कार्यक्त्रम भी प्रस्तुत किए।
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ये रहे मौजूद
शहीद चंदन की माता शाति देवी, भाई कुंदन सिंह, कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर प्रतिनिधि पूरन सिंह, चेत सिंह, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, व्यापार संघ अध्यक्ष अर्जुन बिष्ट, पूर्व सैनिक लीग अध्यक्ष कुंवर सिंह नेगी, बहादुर सिंह, हरि सिंह भंडारी, मोहन सिंह, शिव दत्त पाडे, बलवीर भंडारी, प्रेम सिंह, कौशल्या देवी, देव सिंह, भूपाल सिंह बोरा, सुरेंद्र बिष्ट, जसोद सिंह आदि।
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पेट्रोल पंप हवा में स्वीकृत
शहीद चंदन सिंह भंडारी की शहादत के समय तत्कालीन सरकार ने परिवार के नाम एक पेट्रोल पंप स्वीकृत किया था। मगर इस पर अमल न होने से परिजनों में मायूसी है। शहीद की माता शाति देवी ने कहा कि दो पुत्र आज भी बेरोजगार बैठे हैं। पेट्रोल पंप के बारे में कोई सुध नही ले रहा।
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