6 वर्षो में भी नहीं बन पाई ध्वस्त सिंचाई गूल
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : दो विभागों की लापरवाही का खामियाजा काश्तकारों को भुगतना पड
संवाद सहयोगी, चौखुटिया : दो विभागों की लापरवाही का खामियाजा काश्तकारों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क निर्माण के दौरान ध्वस्त पड़ी सिंचाई गूल छह वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं बन पाई है। इससे काश्तकारों के उपजाऊ खेत सूखे पड़े हैं। वाकया तड़ागताल के बसरखेत, ढनाण व न्यौनी गांवों का है। वर्ष 2012 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत तड़ागताल- खौला मोटर मार्ग के निर्माण कार्य के चलते गांवों की सिंचाई गूल पूरी तरह ध्वस्त हो गई, जो आज तक नहीं बन सकी है।
सड़क निर्माण के चलते स्थान-स्थान पर सिंचाई गूल तहस-नहस हो जाने से बीते करीब 6 वर्षो से न्यौनी व बसरखेत समेत आसपास के गांवों की करीब 300 नाली उपजाऊ जमीन पानी के अभाव में बंजर हो गई है। इससे गांवों के काश्तकार खासे परेशान हैं। उनका कहना है कि खेतीबाड़ी ही उनका एक मात्र जरिया है, लेकिन सिंचाई के लिए पानी न मिल पाने से खेती चौपट हो गई है तथा खेतों में फसल न होने से ग्रामीणों के सामाने खाने के लाले पड़ गए हैं। बार बार शिकायत के बाद भी सुनने वाला कोई नहीं है। इससे काश्तकारों में आक्रोश है। ग्राम पंचायत न्यौनी के प्रधान उमराव सिंह नेगी, पूर्व प्रधान देव सिंह, बलवंत सिंह, जोगा सिंह व प्रेम सिंह मेहरा आदि का कहना है कि यदि शीघ्र नहर निर्माण की दिशा में कोई पहल नहीं हुई तो ग्रामीण आंदोलन शुरू करने का विवश होंगे।