दहेज उत्पीड़न में पति को तीन साल की कैद
संवाद सहयोगी द्वाराहाट दहेज की मांग व पत्नी के उत्पीड़न के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पति को
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : दहेज की मांग व पत्नी के उत्पीड़न के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पति को तीन व दो वर्ष की सजा सुनाई। दोनों सजाएं साथ चलेंगी। वहीं दस हजार का जुर्माना भी लगाया। अलबत्ता विवाह से पूर्व धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम महिला से निकाह कर धोखाधड़ी प्रकरण पर साक्ष्य के अभाव में उसे दोषमुक्त कर दिया।
पिनोली गाव की सुनीता पुत्री महेंद्र सिंह किरौला का विवाह हिंदू रीतिरिवाज के साथ विद्यापुर वार्ड निवासी हरीश रावत (उर्फ मोहम्मद एरीश रावत) पुत्र खीम सिंह के साथ 22 मई 2014 को हुआ था। आरोप था कि शादी के बाद से ही दहेज के लिए हरीश अपनी पत्नी का उत्पीड़न करने लगा। अपने साथ मुंबई ले जाने के एवज में भी उसने 50 हजार रुपये की माग की। तब सुनीता के पिता ने 20 हजार रुपये दिया। इसके बाद हरीश पत्नी को घर से तो ले गया लेकिन उसे दिल्ली में अपनी बहन रेनू के पास छोड़ अकेला मुंबई चला गया। पिता व ससुर के हस्तक्षेप पर वह सुनीता को ले गया। मगर वहा भी दहेज की माग जारी रही।
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पहला निकाह छिपा धोखाधड़ी के आरोप से दोषमुक्त
मुंबई में ही हरीश ने अपनी पत्नी को फरीदा रहमान नामक लड़की से मिलवाया। बताया कि पूर्व में उसने धर्मपरिवर्तन कर फरीदा से निकाह कर लिया है। इससे आहत सुनीता ने अपने पिता को हरीश की हकीकत बताई और अगले ही दिन पूना चली गई। उधर फरीदा ने हरीश के साथ निकाहनामा, धर्म परिवर्तन के कागजात फैक्स से पूना भेजे। इधर सुनीता ने अपने मायके पिनोली (द्वाराहाट) लौटने के बाद पति के विरुद्ध दहेज मांगने, उत्पीड़न व धोखाधड़ी कर दूसरा विवाह करने का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया। इस पर गवाही व साक्ष्यों का परीक्षण कर न्यायिक मजिस्ट्रेट धमर्ेंद्र शाह ने फैसला सुनाते हुए हरीश उर्फ मो. एरीश रावत को दहेज मागने व उत्पीड़न का दोषी करार दिया। उसे तीन तथा दो वर्ष की सजा तथा दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। दोनों सजाएं साथ चलेंगी।